4 लाइन की कविता हिंदी में – प्यारे मित्रों आज की इस लेख में 4 Lines Poem in Hindi हम आपके लिए जीवन से जुड़ी चार लाइन की कविता आपके बीच में शेयर कर रहे हैं, यह चार लाइन कविता आपके जीवन में उमंग जरूर लाएगी, हमारे द्वारा शेयर की गई कविता Poetry आपको पसंद जरूर आएगी Four line poem in Hindi हमने बहुत ही मेहनत से यह लेख आपके लिए तैयार किया है आप इसे अपने दोस्तों रिलेटिव और सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें।
4 लाइन की कविता हिंदी में
सुना है तू बड़ी बेरहम,
बड़ी जालिम है,
उठती हैं उंगलियां फिर भी
तू बेशर्म है।
मैं तेरे जन्मदाता से
मिलना चाहता हूं,
जिंदगी मैं तुझे प्यार करना चाहता हूँ..।।
4 लाइन की कविता हिंदी में
एक शख्स है जो मेरे
सपने सजा देता है।
जिंदा रहने की मेरी
उम्मीद जगा देता है।
कौन है
वह मेरा नहीं जानता हूं मगर ।
जब भी मिलता है
मुझे दिल से लगा लेता है ।
4 लाइन की कविता हिंदी में
नित्य – क्रिया में निवृत्ति हो,
गंगा जल ले काया धो लो।
धूप – दीप ले प्रभु से बोलो,
प्रातः उठकर आंखें खोलो॥
4 लाइन की कविता हिंदी में
मन ऐसा रखो की
किसी को बुरा न लगे।
दिल ऐसा रखो कि
किसी को दुखी न करें।
स्पर्श ऐसा रखो कि
किसी को दर्द ना हो।
रिश्ता ऐसा रखो
कि उसका अन्त ना हो।
4 लाइन की कविता हिंदी में
बर्बाद हुए जो मैं
फिरता रहता हूं ।
मुझे भी शौक था
घर बसाने का ।
अब नहीं मुझे तुमसे
कोई शिकायत गालिब।
अब दस्तूर कहां रहा है
वादे निभाने का ।
4 लाइन की कविता हिंदी में
पेपर आया उसको पढ़ लो,
देश दुनिया की खबर ले लो।
दूरदर्शन से – मेल कर लो,
प्रातः उठ हरि विनती कर लो॥
4 लाइन की कविता हिंदी में
बड़ी बड़ी बातों से कुछ नहीं होता,
चमत्कार को लोग नमस्कार करते हैं।
बहरों को भी अक्सर
उन्हीं की आवाज सुनाई देती,
जो मंच पर चढ़े बैठे होते हैं।।
4 लाइन की कविता हिंदी में
रात भर रोती रही मेरी आंखें।
तुम को याद करती रही मेरी आंखें।
अब मेरे आंसुओं की
क्या कीमत लगाओगे ।
तुम तो कहते थे
मोती से सुंदर है मेरी आंखें ।
4 लाइन की कविता हिंदी में
कभी न गलती हरि करने दो,
स्वच्छ हृदय मन भरने को।
अपना हमको प्रभु बना लो,
प्रातः उठ हरिहर को जप लो॥
4 लाइन की कविता हिंदी में
चटपटे मसालेदार खाओ जी मजेदार
गरमा गरम समोसे लाया बड़े प्यार से
महफिले सजाओ समोसे मंगवा लो
चाटते रह जाओगे खाओगे प्यार से
4 लाइन की कविता हिंदी में
बड़े वेबफा निकले वो।
कई वादे तोड़ चले वो।।
कई बरसों से न मिले,
नेता हरामी निकले वो।
4 लाइन की कविता हिंदी में
वक्त सी दीवार का सहारा लेकर,
मुकाम सा आसमां निहारता हूं।
गिरता हूं , फिर उठता हूं।
मैं अपना जहां संवारता हूं।
4 लाइन की कविता हिंदी में
खुशियां बहुत कम
और अरमान बहुत है ।
हर एक शख्स
यहां परेशान बहुत है ।
करीब से जाना तो निकला
पत्थर दिल इंसान।
मगर जमाने में
इसकी पहचान बहुत है।
4 लाइन की कविता हिंदी में
मौत से डरता नहीं मैं,
बस तुझे समझना चाहता हूं।
कुछ काम कुछ बातें अधूरी हैं,
मैं उनको पूरा करना चाहता हूं
जिंदगी मैं तुझे प्यार करना चाहता हूँ..।।
4 लाइन की कविता हिंदी में
“जीवन एक चुनौती है
हमेशा स्वीकार कीजिए
संघर्ष कठिनाइयों से जूझते हुए
निरन्तर मेहनत बेशुमार कीजिए”
4 लाइन की कविता हिंदी में
प्रातः उठ हरि हर को भज लो,
धरती का अभिनंदन कर लो।
उल्लसत मनसे बंदन कर लो,
मुक्त कंठ में चंदन धर लो॥
4 लाइन की कविता हिंदी में
“इस तरह न कमाओ
कि पाप हो जाए
इस तरह न बोलो की
क्लेश हो जाए
इस तरह न खर्च करो कि
कर्ज हो जाए
इस तरह न चलो
की देर हो जाए”
4 लाइन की कविता हिंदी में
मेरे पास तुम हो ,
मेरे साथ तुम हो ।
यहां सब कुछ बस
नाम का ही है ।
मेरे दुखों,
में तुम मेरी खुशी में तुम ।
मेरी हर एक सांस
में तुम बस तुम हो ।
4 लाइन की कविता हिंदी में
बहुत रोया हूं,
फिर भी तुझसे नफरत नहीं।
मैं तुझसे अपना दर्द कहना चाहता हूं,
जिंदगी मैं तुझे प्यार करना चाहता हूं।।
4 लाइन की कविता हिंदी में
“शील न हो तो ज्ञान व्यर्थ है
दया न हो तो हृदय व्यर्थ है
प्रेम ना हो तो रिश्ता व्यर्थ है
संगीत ना हो तो गीत व्यर्थ है”
4 लाइन की कविता हिंदी में
“सकारात्मक सोचिए
आपकी जिंदगी बदल जायेगी
जीवन अंधकार में है
थोड़ी सी रोशनी मिल जाएगी”
4 लाइन की कविता हिंदी में
केशव मुरली मोहन प्यारे,
मधुर बहे पुरवाई।
तेरी मोहिनी मुस्कान,
मुरलिया अधर सजाई।
लीलाधारी तेरी लीला,
है सारे जग से न्यारी।
इस दुनिया का तू रखवाला,
तू है प्रेम पुजारी।
4 लाइन की कविता हिंदी में
यादों के संदूक को खंगाला,
देखो मुझे आज क्या मिला,
कुछ पुरानी भूली बिसरी यादें
जिन्हें था मैं कब का ही भूला!
4 लाइन की कविता हिंदी में
रही जिंदगी बाकी तो मिलते रहेंगे
होगी जब भी बारिश फिसलते रहेंगे
कौन जानता है कब टिकट कट जाए
तब तलक हाथों में
ले हाथ चलते रहेंगे।
4 लाइन की कविता हिंदी में
मुहब्बत के उधर से गुल न आये
बहुत ही आ रही नफ़रत इधर है
ख़ुदा आसान कर दे राह मेरी
मुसीबत से भरा मेरा सफ़र है