हम आपके बीच में शेयर कर रहे हैं, आशुतोष राणा ने अपने जीवन में बेहतरीन तरीके से एक्टिंग भी की है, जो करोड़ों लोगों का दिल जीता है, इनकी एक्टिंग को बहुत ही पसंद करते हैं, साथ ही यह अपनी शायरी और हिंदी कविताओं के माध्यम से भी लोगों का दिल जीत है, और इस काम पर भी इन्होंने छाप छोड़ी है, अगर हम उनके जन्म दिनांक की बात करें तो आशुतोष राणा 10 नवंबर 1964 को नरसिंघ के गाडरवारा मध्य प्रदेश में हुआ है, यह अलग-अलग भाषाओं में अभिनय किया है, इसलिए करोड़ों लोगों के दिल पर राज किया है।
आशुतोष राणा
आशुतोष राणा की कविताएं
आशुतोष राणा की प्रेम कविताएं
आशुतोष राणा की कविताएं pdf
जब हम रो नहीं पाते आशुतोष राणा
आशुतोष राणा की वीर रस कविता
आशुतोष राणा की कविताएं
आशुतोष राणा की कविताएं: नारी
नारी कल भी भारी थी
नारी आज भी भारी है,
पुरूष कल भी आभारी था
पुरूष आज भी आभारी है।
आशुतोष राणा की कविताएं – तुम्हारा नाम
प्रिय – लिखकर
नीचे लिख दूँ नाम तुम्हारा
कुछ जगह बीच मे छोड़
नीचे लिख दूँ सदा तुम्हारा
लिखा बीच मे क्या?
ये तुमको पढ़ना है
कागज़ पर मन की
भाषा का अर्थ समझना है
जो भी अर्थ निकालोगी
तुम वो मुझको स्वीकार….
मौन अधर…
कोरा कागज़… अर्थ सभी का प्यार।
आशुतोष राणा की कविताएं Bachpan
जब हम रो नही पाते
सुख से सो नही पाते
जब हम खो नही पाते
तब बचपन याद आता है
जब चिंता सताती है
हमारे तन को खाती है
जब भी मन नही मिलता
तब बचपन याद आता है
जब हम टूट जाते है
जब अपने रूठ जाते है
जब सपने सताते है
तब बचपन याद आता है
बच्चे हम रह नही पाते
बड़े हम हो नही पाते
खड़े भी रह नही पाते
तब बचपन याद आता है
किसी को सह नही पाते
अकेले रह नही पाते
किसी को कह नही पाते
तब बचपन याद आता है।
समझदार व्यक्ति
समझदार व्यक्ति
यदि सीधी उंगली से
घी ना निकले तो
घी को गरम
कर लेना चाहिए।
बुद्धिमान व्यक्ति को
इस बात का ज्ञान होता है,
की प्रत्येक विषय में उंगली करना,
अच्छी बात नहीं है।
जंग मात्र अपने
बल और उत्साह से नहीं
बल्कि शत्रु को उत्तेजित कर के भी
जीती जा सकती है।
आशुतोष राणा की कविताएं: विचारधारा और मानसिकता
विचारधारा और मानसिकता में अंतर होता है।
कोई भी द्वंद मत
भिन्नता के कारण नही,
मानसिकता में अंतर के
कारण होता है।
कलहपूर्ण मानसिकता
शुभ को भी अशुभ बना देती है,
व सुलहपूर्ण मानसिकता
अशुभ को भी
शुभ में परिवर्तित कर देती है।
पत्नी : आशुतोष राणा की कविताएं
जीवन में अगर एक
अच्छी पत्नी मिल जाएँ,
जिंदगी के तूफ़ान में वो
बंदरगाह की जैसी होती है,
अगर कठिन स्त्री मिल जाएँ
तो बंदरगाह पर
तूफ़ान की जैसी होती है।
आशुतोष राणा की कविताएं: देश
देश चलता नहीं, मचलता है,
मुद्दा हल नहीं होता सिर्फ उछलता है,
जंग मैदान पर नहीं,
मीडिया पर जारी है
आज तेरी तो कल मेरी बारी है।
इच्छा – आशुतोष राणा की कविताएं
जिस कार्य को करने की इच्छा है,
उस कार्य को करने की
क्षमता पैदा कर लीजिये,
या जिस कार्य को करने
की क्षमता नहीं है,
उस कार्य को करने की भी
इच्छा पैदा कर लीजिये।
फिर कार्य आपको प्रसन्नता
और सफलता दोनों देगा।
मित्रता
मित्रता सुझाव और सहायता की
कसौटी पर कसी जाती है।
हम बहुदा मित्र
को सुझाव तो विस्तार से देते हैं
किंतु सहायता संक्षेप में करते हैं।
यदि हम मित्र के लिए
सुझाव को संक्षिप्त रखें
और साहित्य का विस्तार करें तो
मित्रता गौरवशाली व कालजई हो सकती हैं।
कल बीत रही
कल बीत रही बीमारी
कल तो बस एक खुमारी है
कल बीत रही बीमारी है
कल मनुज हृदय की प्रत्याशा
तो उसकी बेकारी है
कल वो जिसका अस्तित्व नहीं
कल वो जिसका व्यक्तित्व नहीं
कलयुग तु एक कल्पना है
जीवन का सत्य नहीं।
घूंघट की ओट से
घूंघट की ओट से
कोई करे चोट रे
और कहे दिल में मेरे खोट नहीं
हे हे हे ! दुनिया जो
माने सही पर मैं तो नहीं !
तंत्र से और मंत्र से
चोट करे यंत्र से
और कहे कोई षड्यंत्र नहीं
हे हे हे ! दुनिया जो
माने सही पर मैं तो नहीं !
बात की बात में
घात करे साथ में
और कहे कोई आघात नहीं
हे हे हे ! दुनिया जो
माने सही पर मैं तो नहीं !
नैनन के बैन से
और चैन हरे शैन से
और कहे कोई बेचैन नहीं
हे हे हे ! दुनिया जो
माने सही पर मैं तो नहीं !
नीचे लिख दूँ नाम तुम्हारा
प्रिय !!! लिखकर
नीचे लिख दूँ नाम तुम्हारा
कुछ जगह बीच मे छोड़
नीचे लिख दूँ सदा तुम्हारा
लिखा बीच मे क्या?
ये तुमको पढ़ना है
कागज़ पर मन की भाषा का
अर्थ समझना है
जो भी अर्थ निकलोगी
तुम वो मुझको स्वीकार….
मौन अधर… कोरा कागज़…
अर्थ सभी का प्यार!!
आशुतोष राणा
अंतिम शब्द –
दोस्तों हमारे द्वारा शहर की गई मशहूर अभिनेता आशुतोष राणा की कविताएं आपको पसंद जरूर आई होगी आए हो तो इन कविताओं को अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। आप