मुझे अपने आप पर गर्व है, कि मैं एक भारतीय हूं, और भारत की मिट्टी में मैंने जन्म लिया है, हर एक भारतवासी के मन में यह उत्साह होना चाहिए कि भारत की शान हमेशा हमेशा निराली बनी रहे, हमारे को हमेशा एक ही बात का ध्यान रखना चाहिए कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हमारा क्योंकि हमारा भारत देश तो इस सारे जहां से बहुत ही अच्छा है, आज हम आपके बीच में भारत देश पर कविता poem on India in Hindi आपके बीच में शेयर कर रहे हैं, आपको यह लेख बहुत ही पसंद आने वाला है।

भारत देश पर कविता | Poem india in hindi
1
“वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां”
जहाँ हर चीज है प्यारी,
सभी हैं चाहत के पुजारी
प्यारी जिसकी हर सुबह,
वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ ग़ालिब की ग़ज़ल है,
वो प्यारा ताज महल है
प्यार का एक निशां,
वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ फूलों का बिस्तर है,
जहाँ अम्बर की चादर है
सुहाना हर इक मंजर है,
वही है मेरा हिन्दुस्तां
वो झरने और हवाएँ,
सभी मिल जुल कर गायें
प्यार का गीत जहां,
वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहां कभी होली तो दिवाली है,
वो बिंदिया चुनरी पायल
वो साडी मेहंदी काजल,
वही है मेरा हिन्दुस्तां
कही पे नदियाँ बलखाएं,
कहीं पे पंछी इतरायें
बसंती झूले लहराएं,
जहां अन्गिन्त हैं भाषाएं
सुबह जैसे ही चमकी,
बजी मंदिर में घंटी
और मस्जिद में अजां,
वही है मेरा हिन्दुस्तां
लो फिर स्वतंत्र दिवस आया,
तिरंगा सबने लहराया
लेकर फिरे यहाँ-वहां,
वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां
2
“मेरा भारत महान है”
मेरे देश की माटी ऐसी,
जहां जन्म लेते भगवान
मेरा भारत देश महान,
मेरा भारत देश महान
जिसकी सुहानी सुबह है होती,
होती सुनहरी शाम है
वीर बहादुर जन्मे जिसमें वही
मेरा भारत महान है
भारत की माटी के पुतले
लोहे के माने जाते हैं
गांधी, तिलक, बोस, नेहरू,
इस नाम से जाने जाते हैं
फिर बने सोने की चिड़िया
हम सबका है ये अरमान
मेरा भारत देश महान,
मेरा भारत देश महान
3
“देश मेरा प्यारा”
देश मेरा प्यारा,
दुनिया से न्यारा
धरती पे जैसे स्वर्ग उतारा।
ऊँचे पहाड़ों में फूलों की घाटी।
प्यारे पठारों में खनिजों की बाटी।
हरे-भरे खेतों में सरगम बजाएँ।
नदियों के पानी में चाहूँ मैं तरना।
मन ये गगन में उड़े रे।
ऐसे ये जी से जुड़े रे।
दूर मेरा देश ये गाँवों में बसता।
मुझको पुकारे है एक-एक रस्ता।
पैठा पवन मेरे पाँव में।
आना जी तू भी गाँव में।
देश मेरा प्यारा, दुनिया से न्यारा।
धरती पर जैसे स्वर्ग है।
जाँ भी इसे उत्सर्ग
4
“हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है”
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
यह जन्मभूमि, यह कर्मभूमि,
यह अपनी पहचान है,
जो न करे सम्मान इसका,
उसका जीना बेकार है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
दिवानों की दिवानगी में,
भारत इसका नाम है,
इसकी सीमा रक्षा हेतु,
जीवन अपना कुर्बान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
इसकी ओर उठी हर बुरी नजर को,
वीरों ने हर बार झुकाया है,
हर जीत के बाद लहराता,
तिरंगा जिसकी शान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
इसके सम्मान को कभी कोई
न कम कर पाया है,
बढ़ते हुए दुश्मनों के दल को,
वीरों ने मार भगाया है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
आजाद, भगत, बोस जैसे युवा,
इस देश की पहचान है,
इनके जीवन से प्रेरित,
हर भारतवासी महान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
जय हिन्द, जय भारत।
5
भारतमाता
ग्राम-वासिनी
खेतो मे फैला है श्याषमल
धूल भरा मैला-सा अचल
गगा-यमुना मे ऑसू-जल
मिटी की प्रतिममा उदासिनी
दैन्यन-जडिन अपलक नत चितवन
अधरो मे चिर नीरव रोदन
युग-युग के तम से विषण्णत मन
वह अपने धर मे प्रवासिनी
6
सुनो ध्यान से भारतवासी
कथा सुनाता वीरों की
उन वीरों की महावीरों की
जो हमे दिला गये आजादी
कोई लड़ा था दम खम से
तो कोई लड़ा था अनशन से
कोई खेला था खून की होली
कोई झेला था बम और गोली
कोई चढ़ा था फंदे पर
तो कोई चला रहा था कंदे पर
देख कर उत्साह वीरों का
कोहराम मचा था लन्दन में
अंग्रेजों की नीव झुका दी
भारत माँ के नन्दन ने
हम सबको स्वाधीन बना गये
भारत माँ के नन्दन रे
7
गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
जवानों के देश प्रेम के
जज्बे को
पल पल हम करे सलाम
सरहद पर वे जान लुटाते
करते इस देश के कण कण की
सुरक्षा का इंतजाम
दुश्मन के आते ही मिट जाता
उसका नामोनिशान
हिन्दू जैन सिख ईसाई
नहीं यहाँ किसी का नाम
जानो पर जो खेल जाए
वह ही सच्चा जवान
माँ के आंचल में लिपटकर सोना
भारत माँ के आंचल के समान
आँख बंद करे तो याद आये
बस देश सुबह या शाम
गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
अन्न देते वो हमें
अन्न उगाना उनका काम
अगर अन्न हमें ना मिले
तो जीवन हमारा लगे जैसे
जल बिन मीन का धाम
दिन रात करते है वो काम
हंसी ख़ुशी लोगों के नाम
उनके सानिध्य को पाकर
कहते है हम उन्हें किसान
गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
इसरो ने ऊंचाई छुई
मार्स पर हुआ एक नया मुकाम
गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
एनक पहने लाठी पकड़े
बापू थे देश की शान
दांडी सत्याग्रह यात्रा से
बने महात्मा बड़े महान
रानी लक्ष्मीबाई सरोजनी नायडू
थी देश की आन
आजादी के बाद फिर
मिसाइल मैंन बने अब्दुल कलाम
गर्व करे हम देश पर
इसमें देशभक्ति महान
भारत माता के चरणों में
मेरा यही प्रणाम
इनके सर का ताज है
हमारा और मोदीजी का
स्वाभिमान
सोते जागते यही चाहे
बड़े देश का मान
बड़े देश का मान
गर्व करे इस देश पर
इसमें देशभक्ति महान
8
कर्म फ़ल तू धर्म फ़ल है।
भारत देश तू हर पल है।
सांसों में तू समाए
तेरे फसलों ने हमें
पाले बढ़ाए।
पांव तेरे पाखारे सागर।
कलियां खिल फूल बन जाए।
ऋषि मुनियों की ये धरती
देश महान हो जाए।
जिसमें भी जन्म लिया
उसका जन्म सफ़ल हो जाए।
महान देश की पूज्य ये
धरती।
इसकी हर पल उतारें आरती।
जय भारत देश की।
जय भारत देश की।
9
देश मेरा प्यारा, दुनिया से न्यारा
धरती पे जैसे स्वर्ग उतारा।
ऊँचे पहाड़ों में फूलों की घाटी।
प्यारे पठारों में खनिजों की बाटी।
हरे-भरे खेतों में सरगम बजाएँ।
नदियों के पानी में चाहूँ मैं तरना।
मन ये गगन में उड़े रे।
ऐसे ये जी से जुड़े रे।
दूर मेरा देश ये गाँवों में बसता।
मुझको पुकारे है एक-एक रस्ता।
पैठा पवन मेरे पाँव में।
आना जी तू भी गाँव में।
देश मेरा प्यारा, दुनिया से न्यारा।
धरती पर जैसे स्वर्ग है।
जाँ भी इसे उत्सर्ग
अंतिम शब्द :-
आज हमने आप सभी के बीच में शेर की है, भारत देश पर कविता – Bharat per kavita Hindi mein हमारे द्वारा शेयर की गई विद्वान लेखक द्वारा रची कविता आपको पसंद जरूर आए होगी आए हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
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