रोजमर्रा की जिंदगी में भाग दौड़ इतनी हो गई है, कि सारा असर दिमाग पर पड़ रहा है कुछ वर्षों से लोगों की दिमाग की शिकायतें बढ़ती ही जा रही है, रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाले बदलाव के कारण सोचने और समझने की प्रक्रिया भी परिवर्तन आया है। हर एक व्यक्ति के मन में होड़ लगी हुई है, और सबसे आगे निकलना चाहता है ,और कहीं कारणवश फेल हो जाते हैं, तो सारा जोर मस्तिष्क पर पढ़ रहा है, इन्हीं सब कारणों की वजह से मस्तिष्क कमजोर होने लगा है।
मस्तिष्क कमजोर क्यों होता है ?
आज हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले हो मस्तिष्क कमजोर क्यों होता है। दिमाग कमजोर होने के कई कारण होते हैं, आज हम उन्हें कुछ बेसिक कारणों के बारे में जानेंगे।
समय पर भोजन न करना करें ?
अक्सर लोग रोजमर्रा की जिंदगी में भाग दौड़ में समय पर भोजन नहीं कर पाते हैं, इस कारण से भी दिमाग पर बहुत असर पड़ता है, इसलिए समय पर भोजन करें।
मीठी चीजें कम खाएं ?
अक्सर आपने देखा होगा कि लोग मीठा खाना बहुत ही पसंद करते हैं, पर आपको यह मालूम होना चाहिए कि ज्यादा मीठा खाने से सेहत के लिए बहुत ही नुकसान साबित हो सकता है, इसलिए मीठे का सेवन कम से कम करें।
नींद न निकालना ?
आज के जमाने में हर कोई सबके आगे निकलना चाहता है और लोगों के बीच में होड़ लगी है, इसलिए लोग हर रोज देर रात तक काम करते रहते हैं, और अपनी नींद का हद से ज्यादा त्याग करते हैं इससे भी मस्तिक कमजोर होता है, और ज्यादा धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है, और भूलने का स्वभाव बढ़ जाता है, इसलिए कम से कम 6 से 7 घंटा नींद अवश्य ले।
धूम्रपान करना ?
आज के इस जमाने में धूम्रपान का प्रचलन बहुत ही ज्यादा बढ़ गया है, हर कोई सिगरेट तंबाकू शराब आदि का सेवन करता है वर्तमान समय में बच्चों की भी यह लत लग जाती है, और इन्हीं कारणों की वजह से बुद्धि का विकास नहीं हो पाता है, और उनका दिमाग कमजोर ही रह जाता है, इसलिए धूम्रपान नशीले पदार्थ आदि का सेवन ना करें।
मोटापा बढ़ जाना ?
आपको पता होगा कि मोटापा बढ़ जाना भी शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक है, अगर आपका वेट उम्र के अनुसार ज्यादा है, तो आप के मस्तिष्क के ऊपर बहुत ही असर पड़ने वाला है इसलिए आप अपने शरीर को ज्यादा मोटा ना होने दें और फिट रहने की कोशिश करें।
बार बार भोजन करना ?
अगर आप दिन में तीन बार भोजन करते हैं, तो यह आपकी बहुत बड़ी गलती हो सकती है, इससे आपको नुकसान देखने को मिलेगा क्योंकि जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं, तो यादाश्त बहुत कमजोर हो जाती है, और शरीर धीरे-धीरे आलसी होने लगता है, इसलिए खाना उतना ही ले जितनी जरूरत है, और लिमिट के अनुसार ही खाया जाए।