Dipawali kab ki hai – आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताने वाले हैं dipawali 2022 date और दीपावली कब है, आइए जानते हैं 2022 में इस दिन मनाई जाएगी दीपावली। यह हिंदू धर्म का सबसे विशेष त्योहार माना जाता है, दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है,प्रत्येक व्यक्ति की एक ही इच्छा वह कोशिश होती है कि दीपावली अपने परिवार के साथ ही मनाएं, तो आइए जानते हैं आज हम dipawali kitni tarikh ki hai.
Dipawali kab hai 2022 :- दीपावली का त्यौहार 2022 में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को दीपावली का पावन पर्व परंपरा व ज्योतिषी के अनुसार मनाया जाएगा। 12 महीने में दीपावली का दिन 3 दिनों तक मनाया जाता है,इस त्यौहार पर चारों तरफ खुशियां ही खुशियां होती हैं, तो आइए जानते हैं हम दीपावली का त्यौहार कब है।
Shubh dipawali – प्रत्येक वर्ष की कार्तिक अमावस्या को दिवाली का पर्व मनाया जाता है, भारत में इस पर्व को बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है चारों तरफ देखते हैं. तो आपको दीपावली की रात जगमग हुई रहती है, दीपावली के दिन आपको जिधर देखो उधर ही दिए ही दीपक है दिखाई देते हैं. मानो बिजली की जरूरत भी खत्म हो जाती। दीपावली का त्यौहार सुख समृद्धि देने वाला त्योहार माना गया है, इस दिन अमावस्या पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, माता लक्ष्मी प्रत्येक भक्तों के घर आती है. और उन्हें हमेशा धनधान्य रहने का आशीर्वाद देते हैं, और यह भी है, इस दिन हमारे प्रभु राम लंकापति रावण का वध करके अयोध्या आए थे, और इसी दौरान इस दिन भगवान राम अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्या के सभी लोगों ने भगवान श्री राम के आने की खुशी में दीपक जलाकर बड़े उत्साह के साथ त्यौहार मनाया उसी दिन से यह त्यौहार आज भी मनाया जाता है।
दीपावली कब है – दीपावली पर शुभ मुहूर्त कब है ?
Dipawali kab hai – इस वर्ष कार्तिक के महीने में अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को निशित काल में अमावस्या तिथि रहेगी, और 24 अक्टूबर को पूरे देशभर में दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा।
22 अक्टूबर – धनतेरस मनाई जाएगी।
23 अक्टूबर – रूप चौदस मनाई जाएगी।
24 अक्टूबर – लक्ष्मी पूजन होगी।
25 अक्टूबर – सूर्य ग्रहण होगा।
26 अक्टूबर – गोवर्धन पूजा।
27 अक्टूबर – भाई दूज मनाई जाएगी। राजस्थान में कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां पर भाई दूज के दिन बाबा घास भैरू की सवारी निकाली जाती है, इस दिन अलग-अलग प्रकार की तैयारीया की जाती है, और रंगमंच ,जादू, कलाकारी, झांकियां निकाली जाती हैं, राजस्थान के बूंदी जिले गांव सत्तूर में भी बड़े भारी प्रोग्राम किए जाते हैं, भाई दूज के दिन सुबह 9:00 बजे से शाम के 8:00 बजे तक प्रोग्राम चलते हैं, यहां पर आपको अनेक प्रकार की कलाऐ देखने को मिलती हैं, हंसी मजाक आदि मनोरंजन होता है।
दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश पूजन विधि क्या है ?
दीपावली पूजन विधि – दीपावली के दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी एवं गणेश जी की विधि विधान के साथ पूजा की जाती है, सबसे पहले कलश को तिलक लगाया जाता है, और इस प्रकार से पूजा आरंभ होती हैं, और हाथ में चावल और कुमकुम लेकर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का ध्यान करना चाहिए जिससे मनोकामना पूर्ण हो।

भगवान का ध्यान करें माता लक्ष्मी का ध्यान करें, दोनों को फूल अर्पित करें चावल चढ़ाएं, मां लक्ष्मी एवं गणेश जी की प्रतिमा को दूध, दही, शक्कर, शहद, तुलसी और गंगाजल स्नान कराएं. और इसके बाद शुद्ध जल से स्नान कराएं उनको एक चौकी पर विराजमान करें।
माता लक्ष्मी को विधिवत पूजा करें, इनको माला पहनाएं गुलाब और फल चढ़ाएं, गुड़, मिठाई, सब्जी जैसे बैंगन, लौकी, नारियल, टमाटर, आलू, सीताफल, गन्ना, अन्य थोड़ी-थोड़ी सब्जी साबूत रखें, आप पैसे और सोने के आभूषण भी रख सकते हैं, इसके पश्चात अगरबत्ती दीप दान करें, परिवार सहित माता लक्ष्मी की कथा सुने और अंत में आरती करके स्थान छोड़ दें।
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