आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए बताने वाले हैं. अगर आप लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं. या फिर स्वयं की गरीबी दूर करना चाहते हैं. तो जो तरीका हम आपको बताएंगे उस तरीके से दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा पाठ करें।
आपको माता लक्ष्मी की चांदी की मूर्ति खरीद कर लाए, यदि खरीद नहीं सकते तो ऐसा चांदी का सिक्का खरीदें जिस पर माता लक्ष्मी बेठी अवस्था में हो, और उसके दोनों और हाथी हो शुभ समय और शुभ मुहूर्त में सर्वप्रथम श्री लक्ष्मी की उस मूर्ति को गन्ने और बिले के रस से स्नान कराएं, शुद्ध जल से स्नान कराने के बाद उस मूर्ति को आसन पर बिठाए, ध्यान रहे कि लक्ष्मी का मुख पूर्व अवस्था उत्तर में रखें,माता लक्ष्मी की श्रद्धा और भक्ति से पूजा अर्चना करें।
- माता लक्ष्मी को सफेद पुष्प अवश्य चढ़ाएं.
- पूजा ऊन के आसन पर बैठकर करें.
- माता को चावल का खीर और हलवे का भोग जरूर लगाएं.
- माता को मीठा पान खिलाएं.
लाल चंदन को घी में भिगोकर श्री लक्ष्मी को धूप करें, पूजा के समय मुखिया श्वेत या क्रीम रंग के वस्त्र पहने, सोलह सिंगार करें और पूजन में बैठे, माता लक्ष्मी को फलों की माला पहना है, और मुनि घर पधारने का आवाहन करें।
जिसके बाद आप महालक्ष्म्यष्टक स्तोत्रम् का पाठ अवश्य करें।
अथ महालक्ष्म्यष्टक स्तोत्रम्–
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सूरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तुते ॥ 1॥
नमस्ते गरुडारूढ़े कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवी महालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥ 2॥
सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदुःखहरे देवी महालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥ 3 ॥
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवी महालक्ष्मी भुक्ति-मुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवी महालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥ 4॥
आद्यन्तरहिते देवी आद्यशक्तिमहेश्वरी ।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥ 5॥
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवी महालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥ 6|॥|
पद्मासनस्थिति देवी परब्रह्मस्वरूपिणी।
परमेशि जगन्मात्तमहालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥ 7॥
श्वेताम्बरधरे देवी नानालंकारभूषिते।
जगत्स्यते जगन्मात्तमहालक्ष्मी नमोऽस्तुते॥ 8॥
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