Easy Desh Bhakti Poem in hindi | देश भक्ति कविता हिंदी में

Easy Desh Bhakti Poem in hindi :- नमस्कार मित्रों आज के इस लेख में हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं, Easy Desh Bhakti Poem in Hindi हम आपके बीच में ऐसी कविताएं शेयर कर रहे हैं, जो आप देशभक्ति प्रोग्राम में प्रयोग कर सकते हैं, मुझे उम्मीद है कि हमारे द्वारा शेयर की गई सभी कविताएं आपको पसंद जरूर आएगी।

Easy Desh Bhakti Poem in hindi | देश भक्ति कविता हिंदी में

Easy Desh Bhakti Poem in hindi | देश भक्ति कविता हिंदी में 

1

 न चाहूँ मान दुनिया में, 

न चाहूँ स्वर्ग को जाना

मुझे वर दे यही माता रहूँ 

भारत पे दीवाना

करुँ मैं कौम की सेवा पडे़ 

चाहे करोड़ों दुख

अगर फ़िर जन्म लूँ आकर तो 

भारत में ही हो आना

लगा रहे प्रेम हिन्दी में, 

पढूँ हिन्दी लिखुँ हिन्दी

चलन हिन्दी चलूँ, 

हिन्दी पहरना, ओढना खाना

भवन में रोशनी मेरे रहे 

हिन्दी चिरागों की

स्वदेशी ही रहे बाजा, 

बजाना, राग का गाना

लगें इस देश के ही अर्थ 

मेरे धर्म, विद्या, धन

करुँ मैं प्राण तक अर्पण 

यही प्रण सत्य है ठाना

नहीं कुछ गैर-मुमकिन है 

जो चाहो दिल से “बिस्मिल” तुम

उठा लो देश हाथों पर न 

समझो अपना बेगाना।।

Easy Desh Bhakti Poem in hindi | देश भक्ति कविता हिंदी में 

2

कस ली है कमर अब तो, 

कुछ करके दिखाएंगे,

आज़ाद ही हो लेंगे, 

या सर ही कटा देंगे।

हटने के नहीं पीछे, 

डरकर कभी जुल्मों से,

तुम हाथ उठाओगे, 

हम पैर बढ़ा देंगे।

बेशस्त्र नहीं हैं हम, 

बल है हमें चरख़े का,

चरख़े से ज़मीं को हम, 

ता चर्ख़ गुंजा देंगे।

परवा नहीं कुछ दम की, 

ग़म की नहीं, मातम की,

है जान हथेली पर, 

एक दम में गंवा देंगे।

उफ़ तक भी जुबां से 

हम हरगिज़ न निकालेंगे,

तलवार उठाओ तुम, 

हम सर को झुका देंगे।

सीखा है नया हमने 

लड़ने का यह तरीका,

चलवाओ गन मशीनें, 

हम सीना अड़ा देंगे।

दिलवाओ हमें फांसी, 

ऐलान से कहते हैं,

ख़ूं से ही हम शहीदों के, 

फ़ौज बना देंगे।

मुसाफ़िर जो अंडमान के, 

तूने बनाए, ज़ालिम,

आज़ाद ही होने पर, 

हम उनको बुला लेंगे।

3

तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, 

तो तू चल अकेला,

चल अकेला, चल अकेला, 

चल तू अकेला!

तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, 

तो चल तू अकेला,

जब सबके मुंह पे पाश..

ओरे ओरे ओ अभागी! 

सबके मुंह पे पाश,

हर कोई मुंह मोड़के बैठे, 

हर कोई डर जाय!

तब भी तू दिल खोलके, 

अरे! जोश में आकर,

मनका गाना गूंज तू अकेला!

जब हर कोई वापस जाय..

ओरे ओरे ओ अभागी! 

हर कोई बापस जाय..

कानन-कूचकी बेला पर 

सब कोने में छिप जाय…

Easy Desh Bhakti Poem in hindi | देश भक्ति कविता हिंदी में 

4

चाँद, सूरज-सा तिरंगा

प्रेम की गंगा तिरंगा

विश्व में न्यारा तिरंगा

जान से प्यारा तिरंगा

सारे हिंदुस्तान की

बलिदान-गाथा गाएगा

ये तिरंगा आसमाँ पर

शान से लहराएगा।

शौर्य केसरिया हमारा

चक्र है गति का सितारा

श्वेत सब रंगों में प्यारा

शांति का करता इशारा

ये हरा, खुशियों भरा है

सोना उपजाती धरा है

हर धरम, हर जाति के

गुलशन को ये महकाएगा।

ये है आज़ादी का परचम

इसमें छह ऋतुओं के मौसम

इसकी रक्षा में लगे हम

इसका स्वर है वंदेमातरम

साथ हो सबके तिरंगा

हाथ हो सबके तिरंगा

ये तिरंगा सारी दुनिया

में उजाला लाएगा।

5

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

सदा शक्ति बरसाने वाला,

प्रेम सुधा सरसाने वाला

वीरों को हरषाने वाला

मातृभूमि का तन–मन सारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,

लखकर जोश बढ़े क्षण–क्षण में,

काँपे शत्रु देखकर मन में,

मिट जावे भय संकट सारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इस झंडे के नीचे निर्भय,

हो स्वराज जनता का निश्चय,

बोलो भारत माता की जय,

स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

आओ प्यारे वीरों आओ,

देश–जाति पर बलि–बलि जाओ,

एक साथ सब मिलकर गाओ,

प्यारा भारत देश हमारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इसकी शान न जाने पावे,

चाहे जान भले ही जावे,

विश्व–विजय करके दिखलावे,

तब होवे प्रण–पूर्ण हमारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

– श्यामलाल गुप्त पार्षद

6

हरी भरी धरती हो

नीला आसमान रहे

फहराता तिरँगा,

चाँद तारों के समान रहे।

त्याग शूर वीरता

महानता का मंत्र है

मेरा यह देश

एक अभिनव गणतंत्र है

शांति अमन चैन रहे,

खुशहाली छाये

बच्चों को बूढों को

सबको हर्षाये

हम सबके चेहरो पर

फैली मुस्कान रहे

फहराता तिरँगा चाँद

तारों के समान रहे।

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7

भारत तुझसे मेरा नाम है,

भारत तू ही मेरा धाम है|

भारत मेरी शोभा शान है,

भारत मेरा तीर्थ स्थान है|

भारत तू मेरा सम्मान है,

भारत तू मेरा अभिमान है|

भारत तू धर्मो का ताज है,

भारत तू सबका समाज है|

भारत तुझमें गीता सार है,

भारत तू अमृत की धार है|

भारत तू गुरुओं का देश है,

भारत तुझमें सुख सन्देश है|

भारत जबतक ये जीवन है,

भारत तुझको ही अर्पण है|

भारत तू मेरा आधार है,

भारत मुझको तुझसे प्यार है|

भारत तुझपे जा निसार है,

भारत तुझको नमस्कार है|

8

तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, 

तो तू चल अकेला,

चल अकेला, चल अकेला, 

चल तू अकेला!

तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, 

तो चल तू अकेला,

जब सबके मुंह पे पाश..

ओरे ओरे ओ अभागी! 

सबके मुंह पे पाश,

हर कोई मुंह मोड़के बैठे, 

हर कोई डर जाय!

तब भी तू दिल खोलके, 

अरे! जोश में आकर,

मनका गाना गूंज तू अकेला!

जब हर कोई वापस जाय..

ओरे ओरे ओ अभागी! 

हर कोई बापस जाय..

कानन-कूचकी बेला पर 

सब कोने में छिप जाय…

9

गुन-गुन करता आया भंवरा,

छेडे इक ही तान

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,

है हम सब की शान

मिली विरासत में आजादी,

कीमत इसकी जाने

अमर शहीदों से श्रध्दा से,

मिलकर शीश झुकाये

हँसते-हँसते देश के खातिर,

दे दी अपनी जान

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,

है हम सब की शान

आओ हम सब मिलके,

काम बडा़ कर जाये

अपने प्यारे हिन्दोस्तां को,

जग में श्रष्ठ बनाये

देश की उन्नति से ही होगा,

हम सबका उत्थान

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,

है हम सब की शान।

Easy Desh Bhakti Poem in hindi | देश भक्ति कविता हिंदी में 

10

तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, 

तो तू चल अकेला,

चल अकेला, चल अकेला, 

चल तू अकेला!

तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, 

तो चल तू अकेला,

जब सबके मुंह पे पाश..

ओरे ओरे ओ अभागी! 

सबके मुंह पे पाश,

हर कोई मुंह मोड़के बैठे, 

हर कोई डर जाय!

तब भी तू दिल खोलके, 

अरे! जोश में आकर,

मनका गाना गूंज तू अकेला!

जब हर कोई वापस जाय..

ओरे ओरे ओ अभागी! 

हर कोई बापस जाय..

कानन-कूचकी बेला पर 

सब कोने में छिप जाय…

11

सारे जहाँ से अच्छा

हिंदुस्तान हमारा

हम बुलबुलें हैं उसकी

वो गुलसिताँ हमारा।

परबत वो सबसे ऊँचा

हमसाया आसमाँ का

वो संतरी हमारा

वो पासबाँ हमारा।

गोदी में खेलती हैं

जिसकी हज़ारों नदियाँ

गुलशन है जिनके दम से

रश्क-ए-जिनाँ हमारा।

मज़हब नहीं सिखाता

आपस में बैर रखना

हिंदी हैं हम वतन है

हिंदुस्तान हमारा।

12

हे मातृभूमि ! तेरे चरणों में सिर नवाऊँ

मैं भक्ति भेंट अपनी, 

तेरी शरण में लाऊँ ।

माथे पे तू हो चन्दन, 

छाती पे तू हो माला

जिह्वा पे गीत तू हो, 

तेरा ही नाम गाऊँ ।

जिससे सपूत उपजें, 

श्रीराम-कृष्ण जैसे

उस धूल को मैं तेरी 

निज शीश पे चढ़ाऊँ ।

माई समुद्र जिसकी 

पदरज को नित्य धोकर

करता प्रणाम तुझको, 

मैं वे चरण दबाऊँ ।

सेवा में तेरी माता ! 

मैं भेदभाव तजकर

वह पुण्य नाम तेरा, 

प्रतिदिन सुनूँ सुनाऊँ ।

तेरे ही काम आऊँ, 

तेरा ही मन्त्र गाऊँ

मन और देह तुझ पर 

बलिदान मैं चढ़ाऊँ ।

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13

मुझको है विश्वास किसी दिन

घायल हिंदुस्तान उठेगा।

दबी हुई दुबकी बैठी हैं

कलरवकारी चार दिशाएँ,

ठगी हुई, ठिठकी-सी लगतीं

नभ की चिर गतिमान हवाएँ,

अंबर के आनन के ऊपर

एक मुर्दनी-सी छाई है,

एक उदासी में डूबी हैं

तृण-तरुवर-पल्लव-लतिकाएँ;

आंधी के पहले देखा है

कभी प्रकृति का निश्चल चेहरा?

इस निश्चलता के अंदर से

ही भीषण तूफान उठेगा।

मुझको है विश्वास किसी दिन

घायल हिंदुस्तान उठेगा।

14

यारा प्यारा मेरा देश,

सजा – संवारा मेरा देश॥

दुनिया जिस पर गर्व करे,

नयन सितारा मेरा देश॥

चांदी – सोना मेरा देश,

सफ़ल सलोना मेरा देश॥

सुख का कोना मेरा देश,

फूलों वाला मेरा देश॥

झुलों वाला मेरा देश,

गंगा यमुना की माला का मेरा देश॥

फूलोँ वाला मेरा देश

आगे जाए मेरा देश॥

नित नए मुस्काएं मेरा देश

इतिहासों में नाम लिखायें मेरा देश॥

15

माँ भारती का अभिनंदन

माँ भारती का मिलकर

आओ करले हम वंदन

यहाँ हमारा गौरव भाल

करो इसका अभिनन्दन

तीन रंग में इसका परिधान

केसरिया सफ़ेद हरा है मान

इसके मान पर करूँ अभिमान

यह मेरी ज़िंदगी मेरी जान

इस पर आये पल पल प्यार

जीवन जाऊँ इस मैं वार

यह तो मेरे मन का श्रृंगार

मेरी भारत माँ मेरा संसार

आओ करे मिलके इसे नमन

माँ भारती का अभिनंदन

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अंतिम शब्द :- 

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