होली पर निबंध :- दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, Holi Essay in hindi for child इस होली के त्यौहार पर निबंध यह निबंध आपको बहुत ही पसंद आएगा क्योंकि हर स्कूल में बच्चों के लिए होली का निबंध लिखने के लिए दिया जाता है, और आज हम आपके लिए ,होली पर निबंध, लेकर आए हैं, जिसे आप यहां से लिख सकते हैं, दोस्तों होली का यह त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है जो रंग बिरंगा होता है, इस त्यौहार को प्रत्येक इंसान बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मस्ती भरे माहौल में मनाता है, यह त्यौहार सभी धर्म और संप्रदाय बंधन को खोलकर एक भाईचारे का संदेश देता है, इस त्यौहार पर पुराने अन बन को दूर करके एक दूसरे के गले लगते हैं, और एक दूजे के गुलाल लगाया जाता है, इस त्यौहार को फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इस त्यौहार की अनेक प्रकार की कथाएं जुड़ी हुई है, रंग बिरंगा त्यौहार मनाने 1 दिन पहले होली का दहन किया जाता है क्योंकि इसके पीछे लोकप्रिय पौराणिक कथा शामिल है जो आपने जरूर सुनी होगी भक्त पहलाद और हिरण्यकश्यप कथा जरूर सुनी होगी।
होली पर निबंध 400 शब्दों में ?
परिचय
हमारे भारत में प्राचीन समय में होली के त्यौहार पर रामकृष्ण के मंदिरों में राम नाम की ध्वनि गूंजती थी और छोटे-छोटे गांव में नगरों में ढोलक मजीरा की ताल पर लोकगीत संगीत गाय जाते थे, परंतु अब समय बदल गया है और त्योहारों का स्वरूप भी बिल्कुल बदला हुआ नजर आता है।
हमारा संपूर्ण भारत एक ऐसा देश है, जहां पर सभी प्रकार के समुदाय के लोग भाई चारे के साथ रहते हैं, उनके धर्म और त्योहार संस्कृति अलग-अलग है, जिसके बावजूद भी एकता का भाव दिखाई देता है। यहां पर अलग-अलग प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं, और भारत को त्योहारों का देश भी बोला जाता है। होली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है भारत में होली के त्यौहार को सभी धर्मों के लोग मनाते हैं, होली के त्यौहार को फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
राजा हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को नहीं मानते थे, क्योंकि राजा हिरण्यकश्यप एक राक्षस कुल था और इनके पुत्र का नाम पहलाद जो भगवान विष्णु के परम भक्त थे हर वक्त भगवान विष्णु को याद करते रहते थे इसी कारण की वजह से राजा हिरण्यकश्यप अपने पुत्र से बहुत ही नाराज थे और पहलाद को मारने का निश्चय किया राजा हिरण्यकश्यप पहलाद को मारने के लिए कहीं तरीके अपनाएं पर हर तरीके में नाकाम रहा प्रहलाद को खाई में गिराया जिसके बावजूद भी कुछ नहीं हुआ शेर के आगे डाल दिया जिसके बावजूद भी शेर ने नहीं मारा अंत में हिरण्यकश्यप की बहन को वरदान था कि तुम अग्नि तुम्हें जला नहीं सकती और हिरण्यकश्यप अपनी बहन को आदेश दिया और पहलाद को गोद में बैठा कर तुम अग्नि में बैठ जाना और पहलाद जलकर राख हो जाएगा और तुम्हारे कुछ नहीं होगा और ऐसा करने पर होली का पहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाती हैं, परंतु अग्नि पहलाद का कुछ नहीं बिगाड़ दी और होली का जलकर राख हो जाती है, इसी वजह से बुराई पर अच्छाई की जीत होती हैं और इस त्यौहार को आज भी मनाया जाता है।
होली का त्योहार कैसे मनाया जाता है ?
पूरे भारतवर्ष में और प्रत्येक गांव में और प्रत्येक शहर में होली का त्यौहार बड़े धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है, क्योंकि होली के कुछ दिन पहले ही बड़ी-बड़ी तैयारियां की जाती है।
होली के त्यौहार पर गांव के लोग घरों में चंदा मांगने जाते हैं और होलिका दहन सामग्रियां इकट्ठा करते हैं जैसे गुलाल लकड़ियां गोबर के उपले और प्रसाद सामग्री विभिन्न रंगों की गुलाल पिचकारी आ मिष्ठान आदि की व्यवस्था करते हैं।
होली का त्योहार पूर्णिमा की रात्रि को मनाया जाता है और इस दिन होलिका दहन करते हैं माताएं और बहनें होली की पूजा करते हैं और होली के त्यौहार पर गांव के बड़े बुजुर्ग लोग होली के गीत गाते हैं, फाल्गुन महीने के गीत कुछ अलग ही प्रकार के होते हैं, जिनको गाया जाता है होली की आग में गेहूं की बालियों को सिकाई की जाती हैं और उनको एक दूसरों में बांटा जाता है और सुबह के समय पर होली का त्यौहार रंग बिरंगी रंगों से मनाया जाता है।
गांव और शहरों से लोग होली के त्यौहार मनाने के लिए बच्चों के लिए पिचकारिया रंग गुलाल लाते हैं, और इस त्यौहार पर खूब जश्न मनाया जाता है, क्योंकि फाल्गुन का महीना बहुत ही सुंदर होता है इस समय पर पतझड़ लगा होता है जिसके कारण से प्रकृति अपना रूप बदलती रहती हैं, पीले पुष्प बहुत ही अच्छे लगते हैं हल्की हल्की सर्दी और गर्मी का एहसास होता रहता है और रंग-बिरंगे अलग-अलग कलर से एक दूसरे के कपड़े भीगे हुए होते हैं।
होली के त्यौहार पर सभी लोग अपने पुराने बेर दुश्मनी को बुलाकर एक मित्रता पूर्वक व्यवहार करते हैं इसलिए होली का त्योहार अपनों के साथ बड़े धूमधाम से मनाना चाहिए।
होली में असामाजिक गतिविधियां क्या है ?
होली एक पवित्र त्यौहार होता है, इस दिन सभी लोग एक दूसरे के बेर को बुलाकर मित्रता का व्यवहार किया जाता है और हमेशा एक दूसरे की सहायता करने का प्रण लेते हैं।
आज के जमाने में लोग बिल्कुल बदल चुके हैं, इन पवित्र त्योहारों को भी लोग अच्छे से नहीं मनाते हैं, और अपने को कर्मों से इन त्यौहारों को गंदा कर देते हैं इस दिन शराब का सेवन करते हैं मांस खाते हैं, और एक दूसरे से लड़ते हैं, जो बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है।
इस दिन कहीं लोग अपशब्द बोलते हैं, जिससे समाज में बहुत ही वातावरण गंदा होता है, कहीं लोग जुवा खेलते हैं मेहनत से कमाया हुआ धन को यूं ही बर्बाद कर देते हैं।
होली के दिन पके हुए रंगों को नहीं लगाना चाहिए इससे पर्यावरण दूषित होता है, और मनुष्य के शरीर पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है।
होली के त्यौहार पर रासायनिक रंगों का बिल्कुल भी प्रयोग ना करें क्योंकि इस दिन हर्बल रंगों का उपयोग में लेना चाहिए, इस त्यौहार पर असामाजिक गतिविधियों का त्याग कर देना चाहिए और इस पवित्र त्यौहार को खुशहाल बनाना चाहिए।
उपसंहार :-
होली का त्योहार एक बहुत ही पवित्र त्योहार होता है, इसमें बुराई पर अच्छाई की जीत होती है, सभी लोग आपस की दुश्मनी को बुलाकर मित्रता और प्रेम बढ़ाने का निश्चय करें एक दूसरे के साथ सहयोग से रहे और मदद करने का वचन लें।
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