Inspirational Poem on Diwali in hindi – आज के इस लेख में हम आपके लिए शेयर कर रहे हैं, Inspirational poem on Diwali ine Hindi मेरी उम्मीद है, कि आपको हमारे द्वारा शेयर की गई विद्वान कवियों की कविता आपको पसंद जरूर आएगी।

आज हम आप सभी भाइयों के लिए इस दीपावली पर दीपावली की कविताएं शेयर कर रहे हैं, भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में दीपावली को मानते हैं, यह हमारे लिए रोशनी का त्योहार माना जाता है, इस दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास से अपनी अयोध्या में लौट कर आए थे, तब से ही इस खुशी को आज भी दीपावली के रूप में मनाया जाता है।
Inspirational Poem on Diwali in hindi | दिवाली पर प्रेरणादायक कविता हिंदी में
1
रात अमावस की तो क्या,
घर घर हुआ उजाला,
सजे कोना कोना दिपशिखा से!
मन मुटाव मत रखना भाई,
आयी दिवाली आयी !
झिलमिल झिलमिल बिजली की,
रंगबी रंगी लड़िया
दिल से हटा दो फरेब की फुलझड़िया!
दिवाली पर्व हैं मिलन का,
नजर पड़े जिस और देखो
भरे हैं खुशियों से चेहरे !
चौदह बरस बाद लौटे हैं,
सिया लखन रघुराई
दिवाली का दिन हैं जैसे,
घर में हो कोई शादी!
2
दिवाली पर कविता
साथी घर-घर आज दिवाली,
फैल गई दीपों की माला,
मंदिर मंदिर में उजाला,
परंतु हमारे घर को देखो,
दर काला दीवारें काली,
हास उमंग हृदय में भर भर,
घूम रहा ग्रह ग्रह पथ पर,
किंतु हमारे घर के अंदर,
डरा हुआ सूनापन खाली,
आंख हमारी नभ मंडल पर,
वही हमारा नीलम का घर,
दीप मालिका मना रही है,
रात हमारी तारों वाली,
साथी घर-घर आज दिवाली।
दिवाली पर प्रेरणादायक कविता हिंदी में
3
दिवाली पर कविता
जलाई जो तुमने-
है ज्योति अंतस्तल में,
जीवन भर उसको
जलाए रखूँगा।
तन में तिमिर कोई
आये न फिर से,
ज्योतिगर्मय मन को
बनाए रखूँगा।
आंधी इसे उडाये नहीं
घर कोइ जलाए नहीं
सबसे सुरक्षित
छिपाए रखूँगा।
चाहे झंझावात हो,
या झमकती बरसात हो
छप्पर अटूट एक
छवाए रखूँगा।
दिल-दीया टूटे नहीं,
प्रेम घी घटे नहीं,
स्नेह सिक्त बत्ती
बनाए रखूँगा।
मैं पूजता नो उसको,
पूजे दुनिया जिसको,
पर, घर में इष्ट देवी बिठाए।
Inspirational Poem on Diwali in hindi
4
आती है दीपावली,
लेकर यह सन्देश।
दीप जलें जब प्यार के,
सुख देता परिवेश।।
सुख देता परिवेश,
प्रगति के पथ खुल जाते।
करते सभी विकास,
सहज ही सब सुख आते।
‘ठकुरेला’ कविराय,
सुमति ही सम्पति पाती।
जीवन हो आसान,
एकता जब भी आती।।
दीप जलाकर आज तक,
मिटा न तम का राज।
मानव ही दीपक बने,
यही माँग है आज।।
यही माँग है आज,
जगत में हो उजियारा।
मिटे आपसी भेद,
बढ़ाएं भाईचारा।
‘ठकुरेला’ कविराय ,
भले हो नृप या चाकर।
चलें सभी मिल साथ,
प्रेम के दीप जलाकर।।
जब आशा की लौ जले,
हो प्रयास की धूम।
आती ही है लक्ष्मी,
द्वार तुम्हारा चूम।।
द्वार तुम्हारा चूम,
वास घर में कर लेती।
करे विविध कल्याण,
अपरमित धन दे देती।
‘ठकुरेला’ कविराय,
पलट जाता है पासा।
कुछ भी नहीं अगम्य,
बलबती हो जब आशा।।
दीवाली के पर्व की,
बड़ी अनोखी बात।
जगमग जगमग हो रही,
मित्र, अमा की रात।।
मित्र, अमा की रात,
अनगिनत दीपक जलते।
हुआ प्रकाशित विश्व,
स्वप्न आँखों में पलते।
‘ठकुरेला’ कविराय,
बजी खुशियों की ताली।
ले सुख के भण्डार,
आ गई फिर दीवाली।।
दिवाली पर कविता | Poem on Diwali in Hindi
5
दीप जलाओ कविता (दीप पर कविता)
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे
खुशी-खुशी सब हँसते आओ
आज दिवाली रे।
मैं तो लूँगा खील-खिलौने
तुम भी लेना भाई
नाचो गाओ खुशी मनाओ
आज दिवाली आई।
आज पटाखे खूब चलाओ
आज दिवाली रे
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे।
नए-नए मैं कपड़े पहनूँ
खाऊँ खूब मिठाई
हाथ जोड़कर पूजा कर लूँ
आज दिवाली आई।
दिवाली पर कविता हिंदी में
6
दीपों की पंक्ति में हँसती,
दिवाली की रात है आई.
दीपा, राजू ने मिल-जुल कर,
घर, आँगन की करी सफाई.
पूजा की थाली में सजते,
मेवा, कुमकुम, फूल, मिठाई.
फूलझड़ी नाचे मतवाली,
नाचे फिरकी और हवाई.
खिल खिल करते हँसे अनार,
बम्बों ने है धूम मचाई.
पुण्य सदा जीता है जग में,
यही तो है अटल सच्चाई.
प्रेम प्यार का भाव बताती,
दिवाली की रात है आई.
Inspirational Poem on Diwali in hindi | दिवाली पर प्रेरणादायक कविता हिंदी में
7
सोने की बाती, चाँदी सा उजाला,
दीपावली का पर्व है मतवाला.
बम फटे और चले पटाखे,
रोशनी से मूंद -मूंद गयी आँखें.
अमावस का धुला दाग काला,
दीपावली का पर्व मतवाला.
फसल आई घर शुभ यही लाभ,
हिसाब नए शुरू यही रंग आम.
बधाई मिठाई का चला है दौर,
साफ़ स्वछता है हर ठौर.
नया कैलेंडर ये बतलाता,
दीपावली का पर्व है मतवाला.
8
दिवाली पर बाल कविता
दीपों की सुंदर पंक्ति में,
लगी एक पंक्ति बच्चों की।
सुंदर-सुंदर दीप जले थे,
बच्चे भी लग रहे खिले थे।
पूरे घर पर सजी थी माला,
खुशियों का भर गया उजाला
जगमग-जगमग जग था सारा,
दिवाली त्योहार है प्यारा।
9
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे |
खुशी-खुशी सब हँसते आओ
आज दिवाली रे।
मैं तो लूँगा खील-खिलौने
तुम भी लेना भाई
नाचो गाओ खुशी मनाओ
आज दिवाली आई।
आज पटाखे खूब चलाओ
आज दिवाली रे
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे।
नए-नए मैं कपड़े पहनूँ
खाऊँ खूब मिठाई
हाथ जोड़कर पूजा कर लूँ
आज दिवाली आई।
10
आयी है दीवाली देखो,
आयी है दिवाली।
ले के जीवन में खुशहाली,
आयी है दिवाली।
घर-आँगन में है रौनक,
और चारों ओर रंगोली से सजावट।
दियो से सज गयी है चौखटे,
रंगीन हो गयी हैं झालरों से दीवारें।
मन में हर्ष और उल्लास फैलाने,
आयी है दिवाली।
ख़ुशियों ने दी है आहटें,
रौशनी से रौशन है सब।
चारों ओर फैली है जगमगाहट
पटाखों की गूँज से।
आसमाँ भी हो गया है रौशन
आयी है दिवाली देखो,
आयी है दिवाली।
11
जाएंगे दिवाली पर हम,
नानीजी के घर।
लिपा-पुता होगा घर-आंगन,
द्वारे-द्वारे गेरू वंदन।
दीप जलेंगे तब भागेगा,
अंधियारा डरकर।
जाएंगे दिवाली पर हम,
नानीजी के घर।
खूब जलाएंगे हम सब मिल,
महताबें, फुलझड़ियां।
बिखर जाएंगी धरती पर ज्यों,
हों फूलों की लड़ियां।
उड़ जाएंगे दूर गगन में,
रॉकेट सर सर सर…।
जाएंगे दिवाली पर हम,
नानीजी के घर।
गांवों के ऐसे गरीब जो,
नहीं मिठाई खाते।
दीप पर्व पर ही बेचारे,
भूखे ही सो जाते।
खील-खिलौने बांटेंगे हम
उनको जी भरकर।
जाएंगे दिवाली पर हम,
नानीजी के घर।
अंतिम शब्द :-
मुझे उम्मीद है कि आपको Inspirational poem on Diwali in Hindi आपको पसंद जरूर आया होगा आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ रिलेटेड के साथ शेयर जरूर कर और कमेंट बॉक्स में कमेंट जरुर करना और हमारी ओर से भी आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
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