माँ पर 21+ हिन्दी कविता – Maa kavita in hindi

मां पर हिंदी कविताPoem on maa in Hindi आज हम आपके लिए Maa kavita in Hindi बेहतरीन से बेहतरीन कविता मां पर लिखी गई कविता आपके बीच में हम शेयर कर रहे हैं, और यह लेख आपको बहुत ही पसंद आने वाला है।

माँ पर 21+ हिन्दी कविता - Maa kavita in hindi

कहां जाए तो दुनिया में ऐसी कोई भी कलम नहीं है, जो मन की परिभाषा लिख सके क्योंकि मन पवित्र मन होता है, मान कितना प्यार करती है, यह आप बड़ी-बड़ी जानते हैं, और मां की ममता जिसका कोई कर्ज चुका ही नहीं सकता, मां एक ऐसी होती है, जो हमेशा सबका ख्याल तन मन से रखती है।

1.अंधियारी रातों में मुझको-Maa kavita in hindi

अंधियारी रातों में मुझको

थपकी देकर कभी सुलाती

कभी प्यार से मुझे चूमती

कभी डाँटकर पास बुलाती

कभी आँख के आँसू मेरे

आँचल से पोंछा करती वो

सपनों के झूलों में अक्सर

धीरे-धीरे मुझे झुलाती

सब दुनिया से रूठ रपटकर

जब मैं बेमन से सो जाता

हौले से वो चादर खींचे

अपने सीने मुझे लगाती

2.जन्म दात्री-Maa kavita in hindi

जन्म दात्री

ममता की पवित्र मूर्ति

रक्त कणो से अभिसिंचित कर

नव पुष्प खिलाती

स्नेह निर्झर झरता

माँ की मृदु लोरी से

हर पल अंक से चिपटाए

उर्जा भरती प्राणो में

विकसित होती पंखुडिया

ममता की छावो में

सब कुछ न्यौछावर

उस ममता की वेदी पर

जिसके

आँचल की साया में

हर सुख का सागर!

3.ओ मेरी प्यारी माँ-Maa kavita in hindi

ओ मेरी प्यारी माँ,

सारे जग से न्यारी माँ.

मेरी माँ प्यारी माँ,

सुन लो मेरी वाणी माँ.

तुमने मुझको जन्म दिया,

मुझ पर इतना उपकार किया.

धन्य हुई मैं मेरी माँ,

ओ मेरी प्यारी माँ.

अच्छे बुरे में फर्क बताया,

तुमने अपना कर्तव्य निभाया.

अच्छी बेटी बनूंगी माँ,

ओ मेरी प्यारी माँ.

करूंगी तेरा मैं गुणगान,

करूंगी तेरा मैं सम्मान.

शब्द भी पड़ गए थोड़े

तेरे गुणगान के लिए माँ,

ओ मेरी प्यारी माँ.

4.Maa kavita in hindi

मै माँ को प्यार क़रता हूं

इसलिये नही

कि ज़न्म दिया हैं

उसनें मुझें

मै माँ को प्यार क़रता हूं

इसलिये नही

क़ि पाला-पोसा हैं

उसनें मुझें

मै माँ क़ो प्यार क़रता हूं

इसलिये

क़ि उससें

अपने दिल क़ी ब़ात क़हने के लिए

मुझें शब्दो की जरूरत नही पड़ती।

5.ममता क़ी मूरत हो़ तुम

ममता क़ी मूरत हो़ तुम

भग़वान क़ी सूरत हों तुम

तुम हों ज़ीवन मे वरदान

ब़िन तुम्हारें जहां वीरान

तुम हों तो यह युग़ चलें

हें स्वर्गं तुम्हारे पैंर तलें

तुम हो ज़ीवन का सन्चार

ब़हे तुम मे क़रुणा प्यार

हें मात तुम्हारें चरणो को

क़रता मे नित-नित नमन

तुम ही मेरीं श्रद्धा हों

तुम ही हों मेरा ज़ीवन

6.माँ क़ी ममता क़रुणा न्यारीं,-हिन्दी कविता

माँ क़ी ममता क़रुणा न्यारीं,

जैसे दया क़ी चादर.

शक्ति देती नित हम सब़को,

ब़न अमृत की गाग़र.

साया ब़नकर साथ निभातीं,

चोट न लग़ने देती.

पीड़ा अपनें ऊपर लें लेती,

सदा-सदा सुख़ देती.

माँ क़ा आन्चल सब़ खुशियो

की रंगारग फ़ुलवारी,

इसकें चरणो मे ज़न्नत हैं

आनन्द की किलक़ारी.

अद्भुत माँ क़ा रूप सलोना

ब़िल्कुल रब़ के जैंसा,

प्रेम की साग़र सें लहराता

इसक़ा अपनापन ऐंसा.

7.हज़ारो दुख़ड़े सहती हैं माँ-हिन्दी कविता

हज़ारो दुख़ड़े सहती हैं माँ

फिर भीं कुछ़ ना क़हती हैं माँ

हमारा ब़ेटा फलें और’ फूलें

यहीं तो मन्तर पढ़ती हैं माँ

हमारे क़पड़े क़लम और’ कांपी

ब़ड़े ज़तन से रख़ती हैं माँ

ब़ना रहे घर बंटे न आंगन

इसी से सब़की सहती हैं माँ

रहेंं सलामत चिराग़ घर क़ा

यहीं दुआं ब़स क़रती हैं माँ

ब़ढ़े उदासी मन मे ज़ब ज़ब

ब़हुत याद मे रहती हैं माँ

नजर क़ा कान्टा क़हते है सब़

जिग़र का टुक़ड़ा क़हती हैं माँ

मनोज़ मेरे हृदय मे हरदम

ईंश्वर जैसी रहती हैं माँ

8.सो जा भैया, सो जा बीर- माँ पर हिन्दी कविता

सो जा भैया, सो जा बीर

चाहे हँसता हँसता सो जा

चाहे रोता रोता सो जा

सो जा लेकर मेरी पीर

सो जा भैया, सो जा बीर

जो तू भूखा है, तो सो जा

जाड़ा लगता है तो सो जा

कैसे तुझे बंधाऊं धीर

सो जा भैया सो जा बीर

लाऊं तुझको दूध कहाँ से?

गद्दे तकिए मिलें कहाँ से ?

मिलता नहीं फटा भी चीर

सो जा भैया, सो जा वीर

भगवान मेरा दुःख बंटाओ

जल्दी आकर इसे सुलाओं

पड़ी द्रौपदी की सी भीर

सो जा भैया, सो जा बीर

9.अगर न होती माताजी-माँ पर हिन्दी कविता

अगर न होती माताजी

जग में कैसे आता जी

आँचल तले थपकियाँ देकर

लोरी कौन सुनाता जी

कभी रूठ यदि जाता तो

गोद बिठा दुलराता जी

तनिक पीर मुझको होती

दिल उसका दुःख जाता जी

विद्यालय जाने के खातिर

बस्ता कौन थमाता जी

बेटा ! नेक राह पर चलना

रस्ता कौन दिखाता जी

तोल न पाया कोई अब तक

माँ बेटे का नाता जी

माँ की इतनी पावन मूर्त

तूने रची विधाता जी

माताजी………..

10.सड़क अँधेरी बत्ती गुल-माँ पर हिन्दी कविता

सड़क अँधेरी बत्ती गुल

घर में हैं मम्मी व्याकुल

पापा अब तक घर न आए

माँ को धीरज कौन बंधाए?

बार बार बाहर जाती हैं

अगले पल अंदर आती हैं

मैं समझाऊं आँख दिखाएं

बहना को भी वह धमकाएं

लो इतने में पापा आए

मम्मी को थैले पकड़ाए

मम्मी ने पूछा तो बोले

कब से रुका हुआ था पुल

हम सब खूब हंसे खिलखिल

सड़क अँधेरी बत्ती गुल

11.मम्मी अब मैं हुआ बड़ा-Poem on Maa in Hindi

मम्मी अब मैं हुआ बड़ा

नहीं करूं मैं अब झगड़ा

भर गिलास दो दूध मुझे

पी जाऊं मैं खड़ा खड़ा

दौड़ हरा दूँ भोलू को

भले बहुत वह है तगड़ा

चित्र बनाऊं सुंदर मैं

लिखता सुंदर बड़ा बड़ा

गिनती भी आती मुझको

ए बी सी भी लिखा पढ़ा

नहीं गिरी मेरी साइकिल

जब मैं उस पर कूद चढ़ा

12.तू चुप चुप क्यों रोई माँ-माँ पर हिन्दी कविता

तू चुप चुप क्यों रोई माँ

नहीं रात भर सोई माँ

गरम आंसुओं से क्यों तूने

चादर बता भिगोई माँ

देख रहा हूँ कई दिनों से

रहती खोई खोई माँ

भूखी रहकर तूने रांधी

सबके लिए रसोई माँ

तूने सब कुछ लुटा दिया पर

तेरे साथ न कोई माँ

13.आंगन में बैठी माँ-माँ पर हिन्दी कविता

आंगन में बैठी माँ

घर डाल रही है

धूप नर्म गिलहरी सी

उसके साथ साथ

आगे पीछे फुदकती है

माँ घर बुन रही हैं

साथ साथ हवाएं भी

घोंसला बनाएंगी यही

यहीं चहचहाएगी ऋतुएँ

माँ घर बुन रही हैं

आकार ले रहा है घर

यह एक दो तरफा स्वेटर है

एक तरफ माँ

एक तरफ घर

घर माँ में समा गया है

माँ घर में

माँ ने जीवन पूंजी देकर

बुना है ये घर

जीवन भर घर की गर्माहट

वैसी ही रही वैसी ही रही

14.मम्मी तुम स्वीट से भी हो स्वीट

मम्मी तुम स्वीट से भी हो स्वीट

देती हो प्यार कभी तुम पीट

पर यादों में रहती हो

सांसों में तुम बस्ती हो

और जब भी तुम हंसती हो

तो दिल हमारा हैप्पी होता

नाराज हो जाओ तो रोता

15.याद आती सदा मुझे तुम्हारी

याद आती सदा मुझे तुम्हारी

माँ तुम हो बड़ी ही प्यारी

याद करता तुम्हारे हाथ का खाना

और वह तेरा प्यार से मुझे खिलाना

खेलती थी तुम मेरे साथ साथ

सुलाने के लिए गाती रात रात

तुम्हारा रखना इस तरह ख्याल

माँ तुम वाकई हो कमाल

16.ममता की मूरत हो तुम

ममता की मूरत हो तुम

भगवान की सूरत हो तुम

तुम हो जीवन में वरदान

बिन तुम्हारे जहाँ वीरान

तुम हो तो यह युग चले

हे स्वर्ग तुम्हारे पैर तले

तुम हो जीवन का संचार

बहे तुम में करुणा प्यार

हे मात तुम्हारे चरणों को

करता में नित नित नमन

तुम ही मेरी शृद्धा हो

तुम ही हो मेरा जीवन

17.माँ तुम हो जीवन की पहचान

माँ तुम हो जीवन की पहचान

करता हूँ सदा तेरा गुणगान

हे दिल में तेरी तस्वीर

तुने लिखी है मेरी तक़दीर

तेरे जीवन का अंश

मेरा यह जनम

करता हूँ तुझे

सुबह शाम नमन

सदा जीवन में

बना रहे तेरा आशीर्वाद

18.घुटनों से रेंगते-रेंगते,-माँ पर हिन्दी कविता

घुटनों से रेंगते-रेंगते,

कब पैरों पर खड़ा हुआ,

तेरी ममता की छाँव में,

जाने कब बड़ा हुआ..

काला टीका दूध मलाई

आज भी सब कुछ वैसा है,

मैं ही मैं हूँ हर जगह,

माँ प्यार ये तेरा कैसा है?

सीधा-साधा, भोला-भाला,

मैं ही सबसे अच्छा हूँ,

कितना भी हो जाऊ बड़ा,

“माँ!” मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।

19.प्यारी जग से न्यारी माँ-Poem on Maa in Hindi

प्यारी जग से न्यारी माँ

खुशियां देती साड़ी माँ

चलना हमे सिखाती maa

मंजिल हमे दिखती माँ

सबसे मीठा बोल है माँ

दुनिया में अनमोल है maa

खाना हमे खिलाती माँ

लोरी गा के सुनाती माँ

प्यारी जग से न्यारी maa

खुशियां देती साड़ी माँ

20.चिंतन दर्शन जीवन सर्जन,

चिंतन दर्शन जीवन सर्जन,

रूह नज़र पर छाई अम्मा।

सारे घर का शोर शराबा,

सूनापन तनहाई अम्मा।

उसने खुद़ को खोकर मुझमें,

एक नया आकार लिया है।

धरती अंबर आग हवा जल,

जैसी ही सच्चाई अम्मा।

सारे रिश्ते- जेठ दुपहरी,

गर्म हवा आतिश अंगारे।

झरना दरिया झील समंदर,

भीनी-सी पुरवाई अम्मा।

घर में झीने रिश्ते मैंने,

लाखों बार उधड़ते देखे।

चुपके चुपके कर देती थी,

जाने कब तुरपाई अम्मा।

बाबू जी गुज़रे, आपस में,

सब चीज़ें तक़सीम हुई तब।

मैं घर में सबसे छोटा था,

मेरे हिस्से आई अम्मा।

21.अंधियारी रातों में मुझको,-Poem on Maa in Hindi

अंधियारी रातों में मुझको,

थपकी देकर कभी सुलाती।

कभी प्यार से मुझे चूमती,

कभी डाँटकर पास बुलाती।

कभी आँख के आँसू मेरे,

आँचल से पोंछा करती वो।

सपनों के झूलों में अक्सर,

धीरे-धीरे मुझे झुलाती।

सब दुनिया से रूठ रपटकर,

जब मैं बेमन से सो जाता।

हौले से वो चादर खींचे,

अपने सीने मुझे लगाती।

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अंतिम शब्द :-

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