Panchtantra short story in Hindi with moral 2023 – आज के इस लेख में आप सभी मित्रों के लिए वह आप सभी छोटे छोटे बच्चों के लिए मैं शॉर्ट कहानियां लेकर आया हूं, जिनका नाम है, Panchtantra short story in Hindi with moral जब आप इन स्टोरी ओं को पढ़ेंगे तो आपको बहुत कुछ सीखने के लिए मिलेगा और आप को पढ़ते समय बहुत ही मजा आने वाला है।
पंचतंत्र की कहानियां short story ?
Hindi panchatantra short stories with moral :- यहां पर हमारे द्वारा बताई गई सभी स्टोरी पंचतंत्र की कहानियां short story हैं। जिनको बहुत ही कम समय में पढ़कर आप बहुत कुछ सीख सकते हैं।
लोमड़ी और अंगूर की कहानी
एक समय की बात है, एक लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल में इधर उधर भटक रही थी, अचानक से एक अंगूर के बगीचे में पहुंच गई वहां पर उसने अंगूरों के बहुत सारे बच्चे दिखाई दिए पर अंगूर बेल पर लटक रहे थे, और उसके मुंह में जबरदस्त पानी आ रहा था, क्योंकि वह अंगूरों को बहुत ही जल्द खाना चाहती थी और वह बार-बार उछल उछल कर अंगूरों तक पहुंचना चाहती परंतु वह वहां तक पहुंच नहीं पाई और उसका प्रिया हर बार नाकाम रहा और वह असफल रही और वह कूदते कूदते थक गई और कहने लगी कि यहां से चलते हैं, क्योंकि यह अंगूर ही खट्टे हैं, यह मेरे किसी काम के नहीं है।
शिक्षा :- इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य असफल होने पर वह बहाने बनाने लग जाता है।
प्यासे कौआ की कहानी
दोस्तों एक समय की बात है, गर्मी के दिनों में एक कौआ पानी की तलाश में इधर-उधर घूम रहा था, कुछ दूर चलते ही उसे एक मटका दिखाई देता है, और उसे देखकर कौआ तुरंत मटके के पास चला जाता है, जब हम मटके में देखता है, तो उसमें थोड़ा सा ही पानी होता है, इस वजह से उसकी चौच पानी तक नहीं पहुंच पा रही थी, कौआ बहुत ही उदास हो गया कि अब क्या करूं उसने इधर उधर देखा और दिमाग लगाया और अपने चौच के सहारे छोटे-छोटे कंकड़ उठाए और मटके में डाल दिए, जैसे-जैसे कंकड़ डालता गया जैसे जैसे ही पानी ऊपर आ गया और कौआ ने अपनी प्यास बुझाई और आकाश में उड़ गया।
Moral of the story :- बच्चों इस कहानी से यह शिक्षा मिली है, जहां चाह होती है, वहां राह मिल जाती हैं।
दर्जी और हाथी की कहानी
एक समय की बात है एक हाथी ऐसा था जो हर दिन नहाने के लिए तालाब में जाया करता था, और उसके रास्ते में ही एक दर्जी की दुकान थी, और वह दर्जी हर रोज हाथी को कुछ ना कुछ खाने को देता था 1 दिन दर्जी किसी बात को लेकर नाराज हो जाता है, और हाथी उसकी दुकान के सामने से गुजर रहा था तू दरजी उसकी सूंड में सुई को शुभ हो देखा है और हाथी को लगता है कि इसने आज मुझे अपमानित किया है।
जब हाथी तालाब में स्नान करने जाता है तो वहां से अपनी साउंड में गंदा पानी भरकर ले आता है, और दर्जी की दुकान के सामने जाकर सारे गंदे पानी को छिड़क देता है और दर्जी के सारे कपड़े खराब हो जाते हैं, और दर्जी ने अपनी की गई हरकत पर बहुत पछतावा होता है।
कहानी की शिक्षा : इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि जैसे को तैसा.
चतुर लोमड़ी और कौआ की कहानी
एक समय की बात है जब एक भूखी लोमड़ी भोजन की तलाश में जंगल में घूम रही थी और उसे कहीं पर भी भोजन नहीं मिल रहा था, अचानक से उसकी नजर एक पेड़ पर पड़ी और वहां पर एक कौआ बैठा था, और कवि की जांच में एक रोटी का टुकड़ा था, लोमड़ी ने सोचा कि अगर यह रोटी का टुकड़ा मुझे मिल जाए तो मेरी भूख मिट जाएगी, चतुर लोमड़ी ने दिमाग लगाया और कौआ से बोली मित्र आपकी आवाज बहुत ही मीठी हैं, अगर मुझे आप कोई सा भी एक गाना सुना दो तो बहुत ही आनंद आएगा। कौआ चतुर लोमड़ी की बातों में उलझ गया, और जैसे ही कौआ ने गाना शुरू करता हैं उसकी जांच से रोटी का टुकड़ा नीचे जमीन पर गिर जाता है, और चतुर लोमड़ी रोटी के टुकड़े को ले कर चली जाती है।
Moral :- हमेशा चालाक लोगों से सावधान रहना चाहिए
लालची लोमड़ी की कहानी
एक बार की बात है एक लोमड़ी बहुत ही भूख थी और उसे एक रोटी का टुकड़ा मिल जाता है, और वह एक नदी के किनारे पर से गुजर रही थी, और वह मन ही मन में यह सोच रही थी कि जब मैं नदी के पार पहुंच जाऊंगी तो वहां पर आराम से इस रोटी के टुकड़े को खाऊंगी, जब उसकी नजर पानी में पढ़ती है, तो उसे अपनी परछाई दिखाई दी, उसके मन में विचार आया कि हमारे जैसे ही और दूसरी लोमड़ी भी रोटी लिए चल रही है, जैसे ही वह अपनी परछाई पर गर्जना शुरू करती है, तो उसके मुंह से रोटी का टुकड़ा पानी में गिर जाता है। बेचारी लोमड़ी बहुत ही पछताते हैं, और भूख के मारे बहुत ही तरसती हैं।
Moral of the story – बच्चों हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कभी लालच नहीं करना चाहिए: लालच बुरी बला है।
दो मित्र और एक शेर की कहानी
दो लड़के थे जो आपस में मिलजुल कर रहते थे, और उनके बीच में बहुत ही गहरा प्रेम था उन्होंने आपस में यह प्रतिज्ञा की कि हम हमेशा हर मुसीबत में एक दूसरे का साथ देंगे, एक बार की बात है, जब यह दोनों मित्र जंगल की तरफ घूमने निकल पड़े और इनके सामने से एक शेर आ रहा हा था, यह शेर एक मित्र को दिखाई देता है, और वह तुरंत पेड़ पर चला जाता है, दूसरे मित्र को पेड़ पर बिल्कुल भी चढ़ना नहीं आता था और यह अपनी सास को रोक कर जमीन पर लेट जाता है, जब उसके पास शेर पहुंचता है, तो उसको इधर उधर सुंगने लगता है, शेर को लगता है, कि यह मर चुका है इसलिए वहां से शेर चला जाता है, जब पेड़ पर चढ़ा मित्र नीचे आता है तो उससे बोलता है, कि शेर तुम्हारे कान में क्या कह रहा था। तो मित्र हंस कर जवाब देता है, कि शेर ने यह कहा कि झूठे मित्रों पर कभी भी विश्वास मत करना।
Moral :- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि मित्र वही होता है जो मुसीबत में काम आए।
बंदर और मगरमच्छ की कहानी,short story
दोस्तों एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक बंदर रहता था, यह बंदर सबसे ज्यादा एक जामुन के पेड़ पर रहता था, और यह पेड़ नदी के किनारे था, और इस नदी में एक मगरमच्छ की पत्नी भी रहती थी, अचानक एक दिन मगरमच्छ नदी के किनारे आकर जामुन के पेड़ के नीचे आराम कर रहा था।
तभी ऊपर बंदर आ गया और उस मगरमच्छ के लिए बंदर ने मीठे मीठे फल दिए और वहां से मगरमच्छ चला गया दूसरे दिन वापस मगरमच्छ अधिक फल लेने के लिए जामुन के पेड़ के पास आ गया, और धीरे-धीरे बंदर और मगरमच्छ में जान पहचान हुई, और अच्छे दोस्त बन गए।
1 दिन हुआ है ऐसा कि बंदर ने मगरमच्छ की पत्नी के लिए अच्छे-अच्छे फल दिए। और मगरमच्छ की पत्नी ने फल खाए और उन्हें बहुत ही स्वादिष्ट लगे लेकिन मगरमच्छ की पत्नी के अंदर ईर्ष्या थी, उन्होंने अपने पति मगरमच्छ से कहा कि अगर बंदर के हाथ से दिए गए फल इतने स्वाद भरे हैं, अगर बंदर के दिल को खाया जाए तो वह कितना मीठा होगा, और मगरमच्छ की पत्नी बोली कि मुझे मगरमच्छ का दिल चाहिए मगरमच्छ अपने मित्र को मारने के लिए तैयार तो नहीं था, परंतु उसके पास कोई चारा भी तो नहीं था।
मगरमच्छ ने अचानक से प्लान बनाया और अपने रात के खाने में बंदर को आमंत्रित किया और बंदर से कहा कि मैं जरूर आऊंगा, लेकिन बंदर को तो तेराना ही नहीं आता, तो मगरमच्छ को बुलाया और वह मगरमच्छ ने पीठ पर बैठा लिया मगरमच्छ के मन में चल रहा था, कि मैंने प्रिय मित्र बंदर को धोखा दिया है, मगरमच्छ ने बात करते-करते उसने घर ले जाने का असली वजह भी बता दी, बंदर बोला मगरमच्छ दोस्त तुम्हें पहले मुझे बताना चाहिए था, मैं तो मेरा दिल पेड़ पर ही छोड़ दिया था, चलो हम वापस लेने चलते हैं, और मगरमच्छ उसे वापस पेड़ के पास ले गया और दोस्त इसी प्रकार चतुर बंदर ने अपनी जान बचाई।
Moral :- इस कहानी से यह शिक्षा मिलते हैं कि हर काम को बुद्धिमानी से सोचे।
एकता में ताकत है
एक गरीब किसान था, और इसके 6 पुत्र थे, आपस में लड़ते झगड़ते रहते थे, 1 दिन गरीब किसान ने अपने सभी बेटों को एक जगह बुलाया, और उनके सामने एक लकड़ियों का बंडल उनके सामने रख दिया, किसान ने अपने पुत्रों से कहा, कि तुम इस लकड़ी के बंडल को तोड़ दो, सभी बेटे एक-एक करके बंडल को तोड़ने की कोशिश करने लग जाते हैं, परंतु लकड़ी का बंडल टूट नहीं पाया।
अब किसान ने लकड़ी के बंडल को खोल दीया और सभी लकड़ियां अलग अलग कर दी, किसान फिर से अपने बेटों से कहता है, की अब तोड़ दो सभी लकड़ियों को किसान के बेटे आसानी से तोड़ देते हैं, किसान ने अपने बेटों से यह कहा की सदा एक साथ मिलकर रहना क्योंकि एकता में बल ताकत होती है, अगर तुम सभी मिलकर रहोगे तो तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता, किसान के बेटे यह बात सुनकर वह आपस में कभी नहीं लड़ेंगे यह प्रतिज्ञा की और सब मिलकर रहे।
कहानी की शिक्षा :- मिलकर रहने से प्रगति होती है, और बेमेल से विनाश।
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