व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन पूरी जानकारी  हिंदी में | Personal Finance Management In Hindi

आज हमारे इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले की आप किस प्रकार से personal finance management in hindi कर सकते हैं. अगर आप भी जानना चाहते हैं कि व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन क्या है. तो हमारी शादी कल को अंत तक जरूर पढ़ें. क्योंकि हम आपको इस में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं।

अगर बात की जाए व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन की तो व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन के 2 महत्वपूर्ण घटक बैंकिंग बीमा वाले जाते हैं. हम आपको इन दोनों घटकों के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं. तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े. जो कि इस प्रकार है.

Table of Contents

Banking / बैंकिंग ?

बैंक का नाम तो आप सभी ने सुन ही रखा होगा. बैंक एक ऐसी वित्तीय संस्था है. जो ग्राहकों को बहुत ही ज्यादा सेवाएं प्रदान करती है. सामान्य तौर पर अगर बात की जाए तो बैंक को एक ऐसी संस्था माना जाता है. जो ग्राहकों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरी करती है।

इसी के साथ में बैंक ग्राहकों की जमा राशि को स्वीकार भी करता है. उसी के साथ साथ ग्राहकों को ऋण संबंधित सेवा भी उपलब्ध करवाता है. यानी कि यह बहुत ही कम ब्याज पर लोगों को ऋण उपलब्ध करवा देता है. इसी प्रकार की प्रक्रिया को बैंकिंग कहते हैं 

बैंकिंग संबंधित विभिन्न प्रक्रिया / Banking releted process

अब हम बात करने वाले ही बैंकिंग से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं की अगर बात की जाए तो बैंकिंग से संबंधित बहुत सारी प्रक्रिया है. जो हमारे इस लेख में आप को समझाने वाले हैं कुछ इस प्रकार से प्रक्रिया है –

जमा पूंजी स्वीकार करना

बैंक का मुख्य कार्य होता है. ग्राहकों की जमा पूंजी को स्वीकार करना और ग्राहकों द्वारा जमा कराई गई पूंजी के द्वारा ही बैंक बचतो को प्रोत्साहित करने का कार्य करता है. और ग्राहकों द्वारा जमा कराई गई पूंजी के अनुसार बैंक द्वारा ब्याज देता है।

विभिन्न प्रकार के खाता खोलना.

अगर आप बैंक की की बात करते हैं तो यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के योजनाओं के लाभ भी मिलते हैं. इसके साथ आपको याद भी प्रकार के खाता खोलना पड़ता है. निम्न प्रकार की खातों की सुविधाओं की बैंक का आपको उपलब्ध करवाता है।

1.स्थाई खाता (parmament account)
2.नगद खाता (case credit account)
3.आवर्ती जमा खाता (requiring account)
4.चालू खाता (current account)
5.बचत खाता (saving account)
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हमने यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के खातों की लिस्ट बताइए अब हम इनके बारे में विस्तार से समझेंगे तो चलिए कि आखिरकार इन खातों के अंदर क्या-क्या होता है जानते हैं।

1. स्थाई खाता (parmament account)

यह खाता बिल्कुल स्थाई खाता है. और अगर अमेरिका की बात की जाए तो इस खाते को मियादी जमा (Ime deposit) कहां जाता है. इस खाते की विशेषता की बात की जाए तो इस खाते में एक निश्चित अवधि के लिए रकम जमा करवाई जाती है. उसके ब्याज की बात की जाए तो यह अन्य खातों की अपेक्षा बहुत अधिक होता है।

जितने समय के लिए आप इसमें रकम जमा करवाते हैं. उतना समय होने के बाद आपके उन पैसों में से ब्याज दर अपने आप कट जाता है. और इसमें आप जिस प्रकार की अवधि निश्चित करते हैं. उसी अवधि के भीतर निकासी करना आवश्यक हो जाता है और जब आप ऐसा कर लेते हैं. तो आपको स्थाई जमा की जमानत पर कर्ज मिलता है।

दोस्तों यह खाता एक इस प्रकार का खाता है जिसमें अगर कोहली बंद करने पर जिस पर रुपए जमा कराए जाते हैं. अगर आप उसका पालन नहीं करते हैं. तो जो बताए ब्याज के अनुसार आपको पैसे मिलेंगे. इस प्रकार से कुछ स्थाई खाते के बारे में जानकारी हमने आपको दी है।

2. नगद साख खाता (case credit account)

अब हम बात करेंगे नगद साथ खाते की तो दोस्तों यह एक इस प्रकार का खाता है. जिसके अंतर्गत बैंक ग्राहक को एक निश्चित मात्रा तक ऋण प्राप्त करने का अधिकार देता है. इसके अंतर्गत ऐसा होता है कि अगर कोई ग्राहक ऋण लेना चाहता है।

वह अपनी आवश्यकता के अनुसार बैंक से रुपए ले सकता है. और उसे जमा भी करवा सकता है. उस ग्राहक से ब्याज जो उसने राशि लिए उसी के हिसाब से लिया जाता है. और जो वास्तव में उस व्यक्ति के पास रहते हैं. जो बैंक से ऋण लेता है।

3. आवर्ती जमा खाता (requiring account)

हम बात करेंगे आवर्ती जमा खाते तो दोस्तों इस खाते के अंदर आप निश्चित राशि प्रतिमाह , और उसे एक निश्चित अवधि के लिए जमा करवा सकते हैं. अगर किसी भी परिस्थिति में आपको पैसे की जरूरत है. तो आप इसमें से बिना किसी निश्चित अवधि के और होने के पहले ही रतन निकाल सकते हैं. लेकिन इसका ब्याज दिया जाने वाले ब्याज जमा करवाई जाने वाली राशि की तुलना में अधिक होता है।

4. चालू खाता (current account)

अब हम बात करने वाले हैं चालू खाते हैं. इस खाते के अंदर पूरा अधिकार जमा करवाने वाले का होता है. जमा करवाने वाला अपने हिसाब से यहां से पैसे निकाल सकता है. एवं वह अपनी इच्छा से जमा करवा सकता है. और अगर इसकी अमेरिका की बात की जाए तो इसे वहां पर मांग जमा भी कहा जाता है।

और अगर आप इस प्रकार के खाते का उपयोग करते हैं. तो आपको बैंक इस खाते पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं देता है. और अगर आप इस में निश्चित राशि से कम जमा करवाते हैं. तो व्यय वसूल भी करता है।

5. बचत खाता ( Saving Account )

अब हम बात करने वाले हैं. सबसे लास्ट में आने वाले बचत खाते की यह काटा उन लोगों के लिए होता है. जो अपने हिसाब से थोड़े बहुत पैसे जमा करवाना चाहते हैं. और निकलवाना चाहते हैं यह कथा उन लोगों के लिए खोला गया है. जो कि बचत एवं निश्चित कमाई करना चाहते हैं. उनके धन संचय की प्रवृत्ति जागृत करने के लिए भी इस खाते को खोला गया है।

ऋण देना / Personal Finance Management ?

अगर बात की जाए तो सामान्य तौर पर बैंकों का काम होता है. ग्राहकों को ऋण उपलब्ध करवाना और यह बैंक लोगों की सहायता करता है. बैंक जब भी अपने ग्राहकों को ऋण देता है. तो वह उत्पादों व व्यापारियों आदि को विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं के द्वारा ऋण देता है।

इस ऋण को आम व्यक्तिगत जमानत तथा अचल संपत्तियों के आधार पर नहीं ले सकते हैं. तो चलिए दोस्तों अब हम जानते हैं. कि बैंक किस प्रकार से ऋण देता है. अगर आप जानना चाहते हैं. तो हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ लेवे।

  • Overdrop अगर किसी भी व्यक्ति के चालू खाते में यह सुविधा है. तो वह अपने खाते में जमा की गई राशि से अधिक राशि निकाल सकता है।
  • ऋण प्रदान करने की तथा उसे जमा करवाने की एक निश्चित डेट होती है।
  • इसके अंतर्गत विनिमय पत्रों की कटौती भी होती है।
  • आपको यहां पर नगद साख जमा करवाना होता है।
  • आप यहां से पैसे प्राप्त करके सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं।

E- Banking व Internet banking ?

अगर आप किसी भी बैंक के द्वारा किसी भी प्रकार की सेवा प्राप्त करते हैं. तो आप उसको इंटरनेट के द्वारा कंप्यूटर मोबाइल या किसी भी यंत्र में कहीं पर भी इसका प्रयोग कर सकते हैं. इसको इंटरनेट बैंकिंग कहते हैं।

इस सेवा का फायदा उठाने के लिए आपको मोबाइल में ऐप बनाना पड़ता है. या फिर वेबसाइट बनानी पड़ती है. इसके द्वारा कि आप इंटरनेट के माध्यम से ई-बैंकिंग सेवा उपलब्ध करवाते हैं इंटरनेट बैंकिंग में अगर आपको किसी भी प्रकार की शिकायत करनी है. तो आप आराम से यहां पर कर सकते हैं।

इसके लिए आप इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा अपने Personal identification number ( pan ) आदि के जरिए बैंक से जुड़ी अगर किसी भी विषय पर अपनी राय देना चाहते हैं. या फिर सुझाव देना चाहते हैं. या फिर उस पर शिकायत करना चाहते हैं. तो आधी आप कर सकते हैं. और अगर आप इसके द्वारा चेक बुक, पासबुक ड्रॉप्ट आदि भी मंगवाना चाहते हैं. या फिर बिल, किस्त भुगतान करना चाहते हैं. तो आधी काम यहां से कर सकते हैं।

ATM सुविधा प्रदान करता है ?

इसके जरिए आप अगर कहीं पर भी पैसा निकलवाना चाहते हैं. तो आराम से आप एटीएम कार्ड के द्वारा कहीं पर भी पैसे निकाल सकते हैं. एटीएम के पूरे नाम की बात की जाए तो ATM पूरा नाम ( Automatic Tailor Machine ) इसकी हमें बहुत ज्यादा फायदे होते हैं जैसे कि हम धन जमा करवा सकते हैं. और निकलवा भी सकते हैं।

दोस्तों इस के द्वारा खाते में उपलब्ध राशि की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं. और इस सेवा की बात की जाए तो यह सेवा 24 घंटा सेवा उपलब्ध रहती हैं. हम किसी भी समय जाकर कहीं पर भी जाकर एटीएम कार्ड के द्वारा धन निकासी कर सकते हैं।

ATM ATM it is as follows
1.Brown label ATM
2.Online ATM
3.Offline ATM
4.Stand alone ATM
5.Onsite ATM
6.High lebel ATM
7.Offsite ATM
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भारत में एटीएम का इतिहास

दोस्तों अगर बात की जय भारत में एटीएम का निर्माण कब हुआ था इसकी शुरुआत कब हुई थी. तो भारत में सबसे पहला एटीएम वर्ष 1987 के द्वारा मुंबई में स्थापित किया गया था। और अगर इसी के साथ बात करें भारत की पहली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी की तो यह टाटा कम्युनिकेशन पेमेंट सॉल्यूशन (इंडिकेट) द्वारा स्थापित की गई थी जो कि चंद्र पाड़ा थाने महाराष्ट्र एटीएम में स्थापित किया गया था।

इसके बाद अगर हम बात करें मोबाइल एटीएम के प्रारंभ की तो मोबाइल एटीएम प्रारंभ करने वाला सबसे पहला बैंक का ICICI Bank इसने सबसे पहले मोबाइल एटीएम का प्रारंभ किया था। अब हम बात करेंगे दृष्टिहीन एटीएम की तो दृष्टिहीन के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा सबसे पहले बोलता एटीएम अहमदाबाद (गुजरात) से प्रारंभ किया गया था।

अब हम बात करेंगे ग्रामीण बैंक एटीएम की तो दोस्तों भारत में सबसे पहला ग्रामीण बैंक एटीएम वाराणसी में नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन में जारी किया गया था।

ATM द्वारा नहीं बैंकिंग सेवाएं

बैंकिंग एटीएम प्रक्रिया बहुत ही सालों स चलती आ रही है. लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने इस को सबसे पहले 14 जनवरी 2016 को एक मशीन की सहायता से बैंकिंग प्रक्रिया को शुरू किया था. इसी के साथ बैंक परिचालन की सुविधाओं को भी स्वीकृति मिली थी।

इसके बाद एटीएम का निर्माण किया गया क्योंकि एटीएम के द्वारा बैंक शाखा में बहुत ही ज्यादा फायदा हो सकता था. इसीलिए उसी के साथ ग्राहकों को सभी प्रकार की बैंकिंग सेवाएं भी प्राप्त हो सकती थी. भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा यह निर्णय किया गया था कि एटीएम ही अपने आप में एक प्रकार से संपूर्ण बैंक की भूमिका निभा सकता है।

और इसी के साथ जब कोई ऋण प्राप्त करना चाहता है. तो वह इसे के द्वारा आवेदन कर सकता है. ड्रॉप्ड बनवा सकता है. तथा बिलों का भुगतान कर सकता है. आदि प्रकार की सुविधाएं भी एटीएम से प्राप्त की जा सकती है. भारतीय स्टेट बैंक का 48000 मशीनों का सबसे बड़ा नेटवर्क है।

अपने ग्राहकों को जानो

जब भी आप किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करते हैं. तो इससे पहले बैंक का आप की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करता है. कि आप कहां से हो आपका नाम क्या है. आपका एड्रेस क्या है. यानी की संपूर्ण जानकारी आपको वहां देनी पड़ती है KYC ( knoe your customer ) ऋण प्राप्त करने से पहले बैंक के द्वारा सूचित किया जाता है. कि आप उसके द्वारा प्राप्त किए पैसों का सदुपयोग करोगे यह नहीं।

बैंक यह पता लगाता है. कि आप बैंकिंग सुविधा का दुरुपयोग तो नहीं कर रहे हो यह सभी प्रकार की वित्तीय क्षेत्र और बैंकिंग में प्रयुक्त होने वाला लोकप्रिय शब्द माना जाता है. अपने ग्राहक की सभी जानकारी प्राप्त करने के लिए बैंक केवाईसी का प्रयोग करता है. इसी के द्वारा वित्तीय संस्थाएं सूचनाएं आदि का संग्रह करते हैं. जिसके द्वारा ग्राहक की पहचान और उसका सही पता प्राप्त किया जाता है।

अपने ग्राहक को जानने से संबंधित पंजीकरण

KYC इस शब्द का उपयोग ग्रह की पहचान संबंधित प्रक्रिया के दौरान किया जाता है. अगर इस प्रक्रिया की बात की जाए तो इस प्रक्रिया के अंदर बैंक खाते के मालिक को सुनिश्चित करने के लिए करता है. इसी के साथ ग्राहक के व्यापार अर्थात वह किस प्रकार का काम करता है. के बारे में पता लगाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।

और इसी के साथ अन्य कि जैसे कि खेतों में होने वाले लेनदेन उस व्यक्ति के व्यापार के अंतर्गत होता है. या नहीं इन सभी प्रक्रियाओं को इसीलिए किया जाता है. ताकि सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त की जा सके इसीलिए प्रत्येक बैंक केवाईसी का प्रयोग करता है. ताकि वह किसी भी ग्रहाक की जानकारी को प्राप्त कर सके।

पंजीकरण संबंधित दस्तावेज निम्न प्रकार है

अब अगर आप इसमें पंजीकरण करवाना चाहते हैं. तो इसके लिए आपको कुछ दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी दस्तावेज की लिस्ट आपको हम नीचे बता रहे हैं. तो चलिए दस्तावेज इस प्रकार है-

  • KYC आवेदन पत्र उपरोक्त प्रारूप में |
  • passport size photo |
  • फोटो युक्त पहचान दस्तावेज ऐसे मतदान पहचान पत्र |
  • driving licence, कर्मचारी का पहचान पत्र आदि की छाया प्रति मूल पहचान पत्र |
  • रहने वाले का प्रमाण पत्र फोटो युक्त मूल निवास प्रमाण पत्र |
  • नल बिजली का बिल बेसिक टेलीफोन का बिल |

बैंकों का महत्व / Bmportance Of Bank

अब हम बात करेंगे बैंकों के महत्व के बारे में अगर देखा जाए तो बैंक हमारे लिए बहुत अधिक महत्व देते हैं. इनसे हमें बहुत ज्यादा फायदे होते हैं. यहां से हम ऋण ले सकते हैं. तथा हम किसी भी प्रकार के काम को शुरू कर सकते हैं. और किसी भी व्यक्ति के पैसे को हम यहां से ऋण ले कर चुका सकते हैं. तो कुछ इस प्रकार से बैंक का महत्व है |

बचत की आदत का प्रोत्साहन

अगर हम बैंक की बात करें तो यहां हम अधिक से अधिक पैसे बचा सकते हैं. जितना हम हमारे काम से कम आते हैं. उसको हम बैंक में जमा करवा कर आसानी से बचा सकते हैं. यह हमें पैसों की बचत करने की आदत डलवा देता है. और लोग अपनी धनराशि को बैंक में जमा करवाने के लिए उत्सुक रहते हैं।

नगदी को सुरक्षित रखना

अगर हम बैंक में पैसे जमा करवाते हैं तो बैंक नगदी को सुरक्षित रखने का कार्य भली बातें करता है. यह काम एक ऐसा काम है जो एक आम नागरिक का भी होता है. आम नागरिक का काम यह होता है. कि जैसे :- नोट पर किसी भी प्रकार का कुछ ना लिखें, नोट को मोड़े नई नोट पीन लगाए, नोट को अधिक मोडे नहीं आदि कर सकता है यानी कि नोटों को सुरक्षित रखना पड़ता है।

अगर हम लोगों को सुरक्षित रखना चाहते हैं. तो इसके लिए यह भी आवश्यक है कि हम नोटों का लेन-देन उन्हीं लोगों से करें जो इस कार्य के प्रति अधिकृत हैं. ऐसे लोगों का पूर्वा लोकन उचित रूप से बैंक द्वारा प्रत्येक ही क्षेत्र में किया जाना चाहिए. जिससे कि लोगों को काफी ज्यादा फायदा हो सकता है।

किस्तो में उतार-चढ़ाव पर रोक

बैंक एक ऐसी संस्था है जो केंद्रीय तथा अन्य बैंक शाखाओं के द्वारा मुद्रा की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायता करती है. इसका फायदा होता है. कि उनकी कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव को आसानी से रोका जा सकता है. और यह काम करके कीमतों में होने वाली कमी को आराम से किस्तों में स्थिरता जा सकती है।

बैंक द्वारा साख निर्माण

बैंक एक ऐसी संस्थाएं जो हमारे द्वारा जमाई की गई धनराशि को जमा करता है. और जरूरतमंद लोगों को ब्याज पर धन प्रदान करता है. ताकि वह किसी भी प्रकार का रोजगार खोल सके और देश में बेरोजगारी कम हो इससे बैंकों की शाखा का विस्तार भी होता है।

बैंक द्वारा वित्तीय साधनों की पूर्ति में संतुलन

बैंक द्वारा वित्तीय साधनों की पूर्ति में भी संतुलन किया जाता है. ऐसी संस्था है जो उन क्षेत्रों से धनराशि एकत्रित करता है. जहां पर अधिकता है. वहां से बैंक धनराशि को एकत्रित करके ऐसे स्थानों पर स्थानांतरित कर देता है. जिन से वित्तीय साधनों की पूर्ति में संतुलन बना रहता है।

बैंकों के अन्य महत्व ?

हमने बैंकों के महत्वपूर्ण महत्व को समझ ले हैं. यानी कि यह एक ऐसी महत्व है. जो कि हर जगह काम आते हैं अब हम कुछ बैंकों के अन्य महत्व समझेंगे जो कि इस प्रकार है –

(1) किसी भी पत्र के आर्थिक विकास में योगदान बैंक एक ऐसी संस्था है. जो अगर हम किसी भी क्षेत्र में खोल लेते हैं. तो वहां पर कृषि उद्योग आदि को रुपए मिलने में लाभ होता है।

(2) धन राशि का स्थानांतरण बैंक एक ऐसी संस्थाएं जो धनराशि का स्थानांतरण करने में भी सहायता करती है. यानी कि हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर धन को आसानी से भेज सकते हैं।

(3) विदेशी व्यापार में सहायक बैंक के द्वारा हम विदेशी मुद्रा का लेनदेन आसानी से कर सकते हैं. और बैंक का में विदेशी मुद्रा लेने को प्रोत्साहित करता है

(4) भुगतान को सरल बनाना बैंक के द्वारा अगर हम भुगतान करना चाहते हैं. तो हम आसानी से कर सकते हैं. बैंक ने इस काम को बहुत ही सरल बना दिया है. आजकल लोग चेक, ड्रॉप्ट आदि के द्वारा बड़ी सरलता से एक दूसरे को भुगतान कर देते हैं।

(5) मुद्रा का निर्गमन अगर वर्तमान समय की बात की जाए तो वर्तमान समय में मुद्रा का निर्गमन आसानी से किसी भी बैंक के द्वारा किया जा सकता है. अगर बैंक के द्वारा यह काम होता है. तो बैंक देश की मौद्रिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह काम करता है।

(6) सरकार को वित्तीय सहायता बैंक के द्वारा सरकार को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।

(7) सार्वजनिक ऋण का प्रबंधन अगर किसी को आवश्यकता पड़ती है. तो आवश्यकता के अनुसार बैंक द्वारा सार्वजनिक ऋण की व्यवस्था भी करनी पड़ती है।

(8बैक द्वारा मौद्रिक नीति को लागू करना सरकार द्वारा तथा केंद्रीय बैंक के द्वारा एक बौद्धिक नीति बनाई जाती है. और जी से लागू करने का टाइम है विशेष तौर पर बैंकों के पास होता है।

(9) ग्राहकों को विभिन्न सेवाएं तथा सुविधाएं देना अगर हम बैंक की बात करें तो बैंक हमें तथा अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं तथा सुविधाएं उपलब्ध करवाता है. जिससे ग्राहकों को भुगतान का लेनदेन, ऋण प्रदान करना, चेक देना आदि।

व्यक्तिगत संकट / Personal Risk ?

एक व्यक्ति का जीवन अनेक संकटों से भरपूर है. ऐसी संकटों में चलते हमें आने वाले समय में अनेक प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ सकता है. जो कि इस प्रकार है –

  • (1) व्यक्ति के जीवन का संकट |
  • (2) व्यक्ति की संपत्ति के अनुसार संकट |
  • (3) व्यक्ति के बीमार होने का संकट |
  • (4) व्यक्ति के एक्सीडेंट होने का खतरा अनेक प्रकार की परेशानियां जीवन में आ जाती है इन सभी परेशानियों से होने वाली हानि को देखते हुए व्यक्ति बिमे का सहारा ले सकता है।

बीमा / Insurance

अब हम बीमें के बारे में जान लेते हैं. तो बीमा को हम इस प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं. बीमा के अंतर्गत हम एक दूसरे के पक्ष के लिए नीत राशि को प्रीमियम कह सकते हैं. इसके अंतर्गत अनिश्चितता के अंतर्गत होने वाले नुकसान या क्षति को हम आराम से पूरा कर सकते हैं. व्यक्ति अपना खुद का अपनी संपत्ति का अपने परिवार में किसी भी व्यक्ति का बीमा करवा सकता है।

अगर बीमा करवाने की बात की जाए तो बीमा, बीमा कंपनी ही करती है बीमा के जाने के पहले करार व सुविधा पॉलिसी कल कहलाता है बीमा पॉलिसी के अंतर्गत व्यक्ति जीवन बीमा, मृत्यु बीमा, गेर बीमा, समय स्वास्थ्य बीमा, संपत्ति बीमा आदि से जुड़े बीमा करवा सकता है।

टर्म इंश्योरेंस / Term Insurance

व्यक्ति के जीवन के जोखिम को लेकर एक निश्चित अवधि के लिए बीमा सुरक्षा देती है. इसमें पॉलिसी की धारक की मृत्यु उसके परिवार को बीमा की रकम भुगतान किया जाता है. पॉलिसी धारक की पूरी अवधि तक जीवित रहता है।

उसे कोई भी भुगतान नहीं मिलता टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का उद्देश्य केवल सुरक्षा देना है. और इसी वजह से इसका प्रीमियम भी अन्य योजनाओं की तुलना में कम होता है. टर्म इंश्योरेंस के द्वारा कम कीमत पर अधिक अवधि तक सुरक्षा ले सकते हैं।

एनडाउनमेंट पॉलिसी /  Endowment Policy

यह टर्म इंश्योरेंस की तरह बीमा योजनाएं इसमें पॉलिसी धारक को अवधि पूरी होने पर सर्वाइवल बेनिफिट प्रदान किया जाता है. जे सीमित अवधि के लिए होती है. समाप्त होने पर व्यक्ति को Sham heyShyad के साथ पॉलिसी पर जमा बोनस मिलता है।

यदि पॉलिसी पूरी होने से पहले पहले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. उसके नामांकित को बीमा की रकम अदा की जाती है. पॉलिसी के प्रीमियम का निवेश बीमा कंपनियां government sector सेक्टर जैसे:- अन्य कम जोखिम वाले उत्पादों में किया जाता है।

होल लाइफ पॉलिसी / whole life policy

लाइफ पॉलिसी के अंदर बीमा धारक को पूरे जीवन के लिए सुरक्षा दी जाती है. और उसकी फैमिली को लाभ का भुगतान किया जाता है. इस पॉलिसी के अंतर्गत अगर व्यक्ति जीवित है. तो उसको किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिलता है यानी कि अगर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है. इसके दौरान इस को लाभ प्रदान होता है।

मनी बैक पॉलिसी / Money Bank Policy

इस बीमा योजना के अंतर्गत अगर हम बात करें. तो भीम आधार को जोखिम के साथ एक निश्चित अंतराल पर ही भुगतान करना पड़ता है. इस पॉलिसी के अंतर्गत हमें एक निश्चित अवधि मिलती है. और यह एक निश्चित अवधि के लिए जारी हैं।

और अगर तारक एशियाड का भुगतान जी चाहता है. तो उसको पॉलिसी की अवधि के दौरान ही मिलता है. अगर व्यक्ति की मृत्यु पॉलिसी की अवधि के दौरान ही हो जाती है. तो उसके परिवार को बीमा राशि के अंतर्गत लाभ प्रदान व भुगतान किया जाता है‌

यूनिट लिंक्ड बीमा योजना / unit linked insurance plan

अगर हम बात करें इस बीमा बीमा योजना के अंतर्गत तो हमें इसके अंदर सुरक्षा की फंड जैसे निवेश का लाभ भी प्रदान होता है. इस विकल्प अंतर्गत इसमें बहुत से प्रकार के विकल्प होते हैं. इसके अंतर्गत ग्राहक अपने हिसाब से अन्य प्रकार के विकल्प चुन सकता है।

अगर ग्राहक प्रीमियम का एक हिस्सा मोर्टालिटी चार्ज अन्य शुल्क और शेष का निवेशक द्वारा चुने गए फंड का भी निवेश करता है. वर्तमान समय में इस पॉलिसी की लोकप्रियता बढ़ने की काफी ज्यादा संभावना है. इसके अंतर्गत ग्राहकों को शुल्कों की अधिकतम सीमा मिलती है।

FAQ – software for personal finance management

what is personal finance – पर्सनल फाइनेंस क्या है ?

जीवन में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण अहम भूमिका निभाने वाला पैसा होता है. और हम पैसों के लिए दिन रात मेहनत करते हैं. हमारे परिवार का खर्चा और सेविंग मंथली सैलेरी उस सारे बजट को हम अपने प्लानिंग के अनुसार खर्च करते हैं और इन्हीं तरीकों को हम पर्सनल फाइनेंस करते हैं।

What is personal finance management ?

व्यक्तिगत जीवन में पैसों का बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. और व्यक्ति अपने जीवन में लेन-देन करता रहता है. और अपने सभी खर्चों को पूरा करने के बाद जो रकम की बचत होती है. उससे अपने खाते में जमा कराता है. और उसको लंबे समय के लिए बजाता है. उसी को ही हम पर्सनल मैनेजमेंट करना।

फाइनेंस कंपनी लिस्ट ?

कहीं लोग गूगल पर सर्च करते हैं. फाइनेंस कंपनी लिस्ट तो अब आपको यहां पर कुछ कंपनी के नाम बताने वाले हैं. महिंद्रा फाइनेंस, चोलामंडलम, सुंदरम फाइनेंस, सरस फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस, आई सी आई सी आई फाइनेंस, ऐसी कोई भी कंपनी है जो आपको पर्सनल लोन फाइनेंस प्रोवाइड करवाएगी।


व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन के महत्वपूर्ण घटक कौन से हैं ?

बैंक और बीमा व्यक्तिगत वित्त प्रबंधक के महत्वपूर्ण घटक माने जाते हैं।

बीमा क्या है ?

बीमा व्यक्ति के जोखिम के लिए कराया जाता है, किसी भी प्रीमियम पॉलिसी लेने के बाद व्यक्तिगत जीवन की अचानक घटना होना बीमा कंपनी उसको रकम देती है।

अंतिम शब्द :- Personal Finance Management In Hindi हमने इसके ऊपर आपके लिए पूरे कंप्लीट तरीके के साथ समझाने की पूरी कोशिश की है. और आपको समझ में भी आ गया होगा कि “व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन” और personal finance management in Hindi अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. आप चाहे तो हमारे नीचे दिए गए सोशल मीडिया से जुड़ सकते हैं. वहां पर भी आपको हर रोज नई नई अपडेट मिलती रहेगी. और हम वहां पर एक्टिव रहते हैं. अगर आपका कोई भी प्रश्न हो तो आप हम से पूछ सकते हैं. अगर आपका कोई सुझाव हो तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें

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