Poem on krishna in hindi | कृष्ण पर कविता हिंदी में

Poem on krishna in hindi – आज हम आप सभी दोस्तों के लिए बेहतरीन से बेहतरीन कृष्ण जी पर कविता शेयर कर रहे हैं, poem on Krishna in Hindi आपको हमारे द्वारा शेयर की गई कविताएं बहुत ही अच्छी लगने वाली है क्योंकि कहीं लोग कृष्ण जन्माष्टमी पर इन कविताओं को ढूंढते हैं, इसके अलावा भी भगवान श्री कृष्णा कविताएं लोग इंटरनेट पर सर्च करके ढूंढते तो हम आपके लिए इस पोस्ट में बेहतरीन से बेहतरीन कृष्ण जी पर कविता लेकर आए हैं, जो आपको बहुत ही पसंद आएगी।

Poem on krishna in hindi | कृष्ण पर कविता हिंदी में

कृष्ण पर कविता हिंदी में

मेरी जिंदगी में रोना ही लिखा था,

पहले दुनिया के लिए रोइ,

अब श्याम के लिए…

हंसना भी लिखा था,

लोगों का हंसना मुझ पर,

फिर भी मैं भीतर से खूब रोइ…

मेरे लिए हंसना नहीं था,

बस दिखावे के लिए मैं हस गई…

मेरी जिंदगी में श्याम ही लिखा था,

इसलिए उसके प्यार में मैं बस गई,

किंतु सत्य कहूं तो दुनिया में 

हंसना से इतना सुख नहीं मिला,

जितना मुझे मिला जब में 

श्याम की याद रोइ||

2

कृष्णा दिल में रहते तुम,

दिल की हर धड़कन 

और ख़ुशी हो तुम,

कितना मनमोहक रूप है तुम्हारा,

प्यारी सी मुस्कान है तुम्हारी,

जो देखले इस रूप को,

वह भूल जाएगा दुःख अपना सारा,

दिए गाये हैं तुम्हें लाखो नाम,

कोई कहता कृष्णा तो कोई कहता श्याम,

राधे बिना अधूरा है कृष्णा,

कृष्णा बिना अधूरा है राधे,

इसलिए प्यार से बोलते सब

राधे कृष्णा राधे||

3

कृष्ण रूप में जीवन सार है

राधे राधे में कृष्ण प्यार है

वो रास का सागर है

छलकती भक्ति गागर है

हैं मधुरता की रसधार

सुरभि रत्नाकर है

माधव भाव में होवे धर्मसार है

राधे राधे में कृष्ण ………

बांध पग घुँघुरु नाच नचैया

सब के तन मन का ग्वाला

चलाये मुरली धुन पे दुनिया

प्रेम रस अधरों वाला

रणछोड़ पकड़ में मिले मिलनसार है

राधे राधे में कृष्ण ………..

मीरा की भक्ति की पहचान

राधा के प्रेम का है नाम

है अलबेला अनोखा घनश्याम

जगत की वही सुबह और शाम

वासुदेव वदन में बसे वेदसार है

राधे राधे में ……………..

4

हे मोरमुकुट गिरधारी, मेरे गोविन्द गिरधारी

लगी प्रीत मेरी तुमसे, सुन जग पालनहारी

मैं थोड़ा हूँ नादान

तु है मेरा भगवान

मेरी साँसे है मेहमान

जाना कुछ दिन में शमसान

फिर भी लिपटा मोह माया से

कैसा छाया है अज्ञान

चले तेरी हुकमदारी मेरी अर्ज़ है कंसारि

लगी प्रीत मेरी तुमसे ………

हाँ थोड़ा सा भटका मन

चंचलपन में भोलापन

कभी क्रोधी कभी सज्जन

बन गया है जीवन

क्यों ऐसा अलबेला संगम

कैसे हो जीवन चन्दन

मिले जिससे तेरी पहरीदारी मेरी अर्ज़ है बांके बिहारी

लगी प्रीत मेरी तुमसे …………

मिले सबको सबसे प्यार

मेरी सोच बने संसार

तु कर हम पर उपकार

ना सुनूं मैं चीख पुकार

मैं नमन करूँ बार बार

कर दे सपना साकार

दे दे भक्ति की सवारी, 

मेरे कृष्ण मुरारी

लगी प्रीत मेरी तुमसे …………

Poem on krishna in hindi | कृष्ण पर कविता हिंदी में

5

सुनाता है, दिखाता है भइया कलयुग है

कितनों का व्यापार टिका, 

कितनों को काम मिला है

सजी मिठाइयों की दुकानें, 

चमचम करते रसगुल्ले

पेड़े, कलाकंद, बालूशाही, 

सबसे प्यारी रसमलाई

6

नैन लख्यो जब कुंजन तैं, 

बनि कै निकस्यो मटक्यो री

सोहत कैसे हरा टटकौ, 

सिर तैसो किरीट लसै लटक्यो री

को ‘रसखान कहै अटक्यो, 

हटक्यो ब्रजलोग फिरैं भटक्यो री

रूप अनूपम वा नट को, 

हियरे अटक्यो, अटक्यो, अटक्यो री

॥ जय जय श्री राधे !

7

राधा के कृष्णा, कृष्णा की राधा

एक दूजे के बिन है दोनों अधूरे

प्रेम की ऐसी है ये कथा

दिल कृष्णा धड़कन है राधा

जीवन की गाड़ी के 

दो पहिए है साधा

दोनों देखो कितने सीधे-साधे

प्रेम का पाठ पढ़ाती है राधा

कृष्णा तो दिखाएं प्रेम का मार्ग

नदी है राधा

किनारा है कृष्णा

सवाल है राधा

उतर है कृष्णा

दो जिस्म के बाद भी

एक है राधा-कृष्णा

बोलो प्रेम से

राधे कृष्णा !!

8

बंसी बजा के नाचे

गोपी संग रास रचाये

माखन चुरा के खाया

मैया से मार भी खाया

आज जनम है आत्मा राम का

नटखट कृष्ण भगवान का

करो भजन सुमिरो मन

दिन रेन राधा रमन

9

जब तुम बजाते हो बंसी,

बहती है राग की रसधारा ।

जग झूम उठता है,

ओ मेरे बाल गोपाला ।।

सांवला है रूप तुम्हारा,

देखो तो नजर नहीं हटती ।

बस आंखों के आगे हर 

दम तस्वीर तुम्हारी,

ओ मेरे बाल गोपाला ।।

माखन चुराने की कला निराली,

मुकुट पर मोर पंख निराला ।

तू सब का है दुलारा,

ओ मेरे बाल गोपाला ।।

धन्य है देवकी मां 

जिसने तुम्हें जन्म दिया है,

धन्य है यशोदा मां 

जिसने तुम्हें पाला ।

अजब लीला है तुम्हारी,

ओ मेरे बाल गोपाला ।।

कण-कण में तुम बसे हो,

सबके दिल की धड़कन हो तुम ।

आंखों का तारा हो तुम,

ओ मेरे बाल गोपाला ।।

10

दही-माखन का त्योहार आया,

खुशियां अपने संग लाया,

प्रेम से सब कहते हैं 

उसे नन्द लाला,

गाते हैं सब प्यार से,

आंखें तरस गई अब तो आजा गोपाला।

11

क्खन का कटोरा,

फूलों की बहार,

मिश्री की मिठास,

मैया का प्यार और दुलार,

मुबारक हो सबको जन्माष्टमी का त्योहार।

Read more :- 

मां पर हिंदी कविता

धरती पर हिंदी कविताएँ

बापू पर कविता हिंदी

4 लाइन की कविता हिंदी में 

अंतिम शब्द :-

दोस्तों आपको हमारे द्वारा शेयर की गई कृष्ण जी पर कविताएं कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top