सुंदर कविता हिंदी में बच्चों के लिए

आज की इस पोस्ट में हम सभी बच्चों के लिए बच्चों की सुंदर कविताएं आपके बीच में शेयर कर रहे हैं – काफी लोगों ने अपने बच्चों के लिए इंटरनेट पर सर्च करते हैं, सुंदर कविता हिंदी में बच्चों के लिए Sundar kavita Hindi mein bacchon ke liye इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आप सभी के बीच में शेयर कर रहे हैं छोटे बच्चों के लिए सुंदर कविता और यह कविता आपको बहुत ही पसंद आएगी।

आपको पता ही होगा कि प्रत्येक बच्चे का स्वभाव भिन्न-भिन्न होता है, कहानी बच्चों का स्वभाव सरल होता है, कहानी बच्चों का थोड़ा अलग होता है, परंतु बच्चे कभी अच्छे बुरे को नहीं पहचानते नहीं जानते अगर हम उनको ऐसी कविताएं सुनाएगी जिनसे उनका मन एकदम खुश हो जाएगा और उनके चेहरे खिल उठेंगे उनके चेहरे खिले उठने के लिए आज हम बच्चों की कविता आपके साथ शेयर कर रहे हैं।

सुंदर कविता हिंदी में बच्चों के लिए

1

मां मुझे भी बंदूक दिला दो,

मैं भी लड़ने जाऊंगा ।

इन छोटे छोटे हाथों से,

दुश्मन को मार भगाऊंगा ।

भारत का वीर सिपाही बन,

भारत के कष्ट मिटाऊंगा ।

जय हिंद !

2

घडी है करती टिक टिक टिक

गाड़ी करती छुक छुक छुक

घंटी बजती ठुन ठुन ठुन

गुड़िया नाचे छुन छुन छुन

घोडा भागे टप टप टप

पानी बरसे छप छप छप

चिड़िया करती चूँ चूँ चूँ

मुन्नी रोती ऊँ ऊँ ऊँ

3

गोल गोल पानी

मम्मी मेरी रानी

पापा मेरे राजा

फल खाए ताज़ा

सोने की चिड़िया

चाँदी का दरवाजा

उसमे कौन आएगा

मेरा भैया राजा

4

बसंत की हवा के साथ

रंगती मन को

मलती चेहरे पर हाथ

ये होली लिए रंगों की टोली

लाल गुलाबी बैंगनी हरी पीली

ये नवरंगी तितली है

आज तो जाएगी घर घर

दर दर ये मौज मनाएंगी

भूल पुराने झगड़े सारे

सबको गले लगाएगी

पीली फूली सरसौं रानी

5

मेरी गुड़िया प्यारी-प्यारी

बातें उसकी न्यारी-न्यारी

नन्हीं सी यह फूल सी बच्ची

छोटी सी पर दिल की सच्ची

कोमल-कोमल हाथों वाली

नीली-नीली आँखों वाली

गोरे-गोरे गाल हैं उसके

भूरे-भूरे बाल हैं उसके

6

सपने में चाहा नदी बनूं

बन गया नदी

कोई भी नाव डुबोई मैंने

कभी नहीं

मैंने चाहा मैं बनूं फूल

बन गया फूल

बन गया सदा मुस्काना ही

मेरा उसूल

मैंने चाहा मैं मेंह बनूं

बन गया मेंह

बूंद बूंद बरसाती

रही नेह

मैंने चाहा मैं छाँह बनूं

बन गया छाँह

बन गया पथिक हारे को

मैं आरामगाह

मैंने चाहा मैं व्यक्ति बनूं

सीधा सच्चा

खुल गई आँख, मैंने पाया

मैं था बच्चा

7

हंसी मांग कर फूलों से

और कुलाचे झूलों से

मांग लहर से चंचलता

तितली ने दी कोमलता

अटपट बोल हवाओं के

सपने दसों दिशाओं के

रंग सुबह की किरणों का

प्यार परी रानी से पा

ईश्वर बोला धरती से

मैं तुझको देता बच्चा

इसकी किलकारी सुनना

अपने सुख सपने बुनना

8

तितली रानी बड़ी सयानी,

रंग बिरंगे फूलों पर जाती है।

फूलों से रंग चुरा कर,

अपने पंखों को सजाती है।

कोई हाथ लगाए,

तो छूमंतर हो जाती है।

पंखों को फड़फड़ा कर,

हर फूल पर वो मंडराती है।

घूम-घूम कर सारे फूलों की,

खुशबू वो ले जाती है।

फूलों का मीठा रस पीकर,

दूर जाकर पंखों को सहलाती है।

रंग बिरंगी तितली रानी,

बड़ी सयानी।

9

हंसी मांग कर फूलों से

और कुलाचे झूलों से

मांग लहर से चंचलता

तितली ने दी कोमलता

अटपट बोल हवाओं के

सपने दसों दिशाओं के

रंग सुबह की किरणों का

प्यार परी रानी से पा

ईश्वर बोला धरती से

मैं तुझको देता बच्चा

इसकी किलकारी सुनना

अपने सुख सपने बुनना

10

हम बच्चों की अजब कहानी

कहो शरारत या शैतानी

सुबह सवेरे पढ़ने जाते

टीचर जी को पाठ सुनाते

होमवर्क की महिमा न्यारी

हनुमान की पूंछ से भारी

करते करते हम थक जाते

इसको पूरा ना कर पाते

खेलें कूदे शोर मचाएं

एक दूजे को खूब चिढ़ाएं

फिर भी मिलकर रहते सारे

नील गगन के चाँद सितारे

Read more :-  
Easy Desh Bhakti Poem in hindi
Jhansi ki Rani Kavita
आशुतोष राणा की प्रेम कविताएं
कुमार विश्वास की प्रेम कविता
झांसी की रानी कविता कक्षा 6 भावार्थ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top